




भारतीय सिनेमा के परिदृश्य में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अभिनेता और निर्माता दुलकर सलमान की प्रोडक्शन कंपनी वेफेयरर फिल्म्स ने अपनी सातवीं फिल्म ‘लोकाह: चैप्टर वन – चंद्रा’ के जरिए न केवल मलयालम सिनेमा बल्कि पूरे भारतीय फिल्म उद्योग को नई दिशा दी है।
केवल केरल ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में यह फिल्म दर्शकों को आकर्षित कर रही है। ‘लोकाह’ को जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय समीक्षकों ने सराहा है, वह मलयालम फिल्मों के लिए नया इतिहास रच रहा है।
अब तक भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो कहानियाँ ज्यादातर पुरुष नायकों के इर्द-गिर्द घूमती रही हैं। लेकिन ‘लोकाह’ में महिला किरदार चंद्रा को कहानी का केंद्र बनाना एक साहसिक निर्णय था। यह कदम मलयालम सिनेमा में पहले कभी नहीं देखा गया। इससे स्पष्ट है कि भारतीय सिनेमा अब लीक से हटकर कहानियाँ कहने के लिए तैयार है।
निर्देशक-लेखक डॉमिनिक अरुण ने फिल्म की कल्पना और निष्पादन को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया। सिनेमैटोग्राफर निमिष रवि ने दृश्यों को इतना भव्य और वास्तविक बनाया है कि यह फिल्म किसी हॉलीवुड प्रोडक्शन से कम नहीं लगती। प्रोडक्शन डिज़ाइनर बैंगलन और आर्ट डायरेक्टर जितु सेबस्टियन ने रहस्यमय और जादुई दुनिया का निर्माण किया। संगीतकार जेक्स बिजॉय का बैकग्राउंड स्कोर रोमांच और भावनाओं का संतुलित मिश्रण है। एडिटर चमन चाको की एडिटिंग और यैनिक बेन की एक्शन कोरियोग्राफी दर्शकों को सीट से बांधे रखती है।
दमदार कलाकार कल्याणी प्रियदर्शन ने मुख्य भूमिका निभाई है और अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। उनके साथ नसलेन, सैंडी, चंदू सलीम कुमार, अरुण कुरियन, विजय राघवन, सारथ सभा और कई गेस्ट कलाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। खासतौर पर कल्याणी का प्रदर्शन उन्हें नए दौर की महिला सुपरस्टार के रूप में स्थापित करता है।
फिल्म न केवल समीक्षकों बल्कि दर्शकों के बीच भी हिट साबित हो रही है। शुरुआती दिनों में ही इसने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत प्रदर्शन कर रही है।
‘लोकाह’ सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि एक नए सुपरहीरो सिनेमैटिक यूनिवर्स की शुरुआत है। यह फिल्म बताती है कि भारतीय निर्माता अब बड़े कैनवास पर प्रयोग करने से नहीं डरते। दुलकर सलमान का यह साहसिक कदम आने वाले समय में कई फिल्मकारों को प्रेरित करेगा।
‘लोकाह: चैप्टर वन – चंद्रा’ ने भारतीय सिनेमा में एक नई लहर पैदा कर दी है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन बल्कि तकनीकी और कहानी कहने के स्तर पर भी मानक स्थापित करती है। दुलकर सलमान बतौर निर्माता और अभिनेता दोनों रूपों में लंबे समय तक याद किए जाएंगे।