




महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को व्यवस्थित और मानकीकरण करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। इस पहल के तहत, राज्य के सभी गांवों की सड़कों, पगडंडियों और गाड़ी मार्गों को एक विशिष्ट यूनिक कोड प्रदान किया जाएगा। इससे न केवल सड़क की पहचान सुनिश्चित होगी, बल्कि अतिक्रमण हटाने, रखरखाव और विकास कार्यों में भी पारदर्शिता आएगी।
योजना का उद्देश्य:
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सड़क की पहचान: हर सड़क को एक यूनिक कोड देने से उसकी पहचान सुनिश्चित होगी, जिससे प्रशासनिक कार्यों में आसानी होगी।
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अतिक्रमण नियंत्रण: यूनिक कोड के माध्यम से अतिक्रमण की निगरानी करना सरल होगा, और आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जा सकेगी।
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किसान सुविधा: किसानों को अपनी उपज मंडी तक पहुंचाने में सुविधा होगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है।
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विकास कार्यों में पारदर्शिता: सड़क निर्माण और रखरखाव कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी, और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
ग्राम सेवक, तलाठी, कोतवाल और पुलिस पाटिल जैसे ग्राम अधिकारी सभी सड़कों की सूची तैयार करेंगे, जिसे ग्राम सभा से पास किया जाएगा और तहसीलदार द्वारा भूमि अभिलेख विभाग को भेजा जाएगा। आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए, विभाग सड़कों का सीमांकन करेगा और बाउंड्री पीलर्स लगाएगा, जबकि अतिक्रमणों से ममलतदार न्यायालय अधिनिय 1906 के तहत निपटा जाएगा, जहां भी जरूरी होगा, पुलिस सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क की स्थिति में सुधार होगा, और विकास कार्यों में तेजी आएगी। किसानों को अपनी उपज मंडी तक पहुंचाने में सुविधा होगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है। साथ ही, अतिक्रमण की समस्या पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
महाराष्ट्र सरकार की यह पहल ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल सकती है। यह न केवल किसानों के लिए, बल्कि पूरे राज्य के विकास के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है।