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    भारत का सबसे महंगा सौदा, ₹1,100 करोड़ में बिका नेहरू का पहला आवास

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         भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का पहला आधिकारिक आवास, जो 17 यॉर्क रोड (वर्तमान में मोतीलाल नेहरू मार्ग) पर स्थित है, इतिहास रचते हुए ₹1,100 करोड़ में बिक गया है। यह सौदा न सिर्फ दिल्ली के लुटियंस बंगलो ज़ोन (LBZ) बल्कि पूरे भारत के रियल एस्टेट इतिहास का सबसे महंगा रिहायशी सौदा साबित हुआ है।

    यह संपत्ति लगभग 3.7 एकड़ (14,973 वर्गमीटर) में फैली है, जिसमें करीब 24,000 वर्ग फुट निर्मित क्षेत्र है।
    शुरुआत में संपत्ति का मूल्यांकन करीब ₹1,400 करोड़ तक किया गया था, लेकिन गहन बातचीत और कानूनी औपचारिकताओं के बाद इसे ₹1,100 करोड़ में बेचा गया।

    सूत्रों के अनुसार, इस ऐतिहासिक आवास को देश के एक प्रमुख बेवरेज उद्योगपति ने खरीदा है। सौदे से पहले अग्रणी कानूनी फर्म की ओर से पब्लिक नोटिस जारी किया गया था, ताकि संपत्ति पर किसी प्रकार के विवादित दावे को दर्ज कराया जा सके। यह वही आवास है जहाँ पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प्रधानमंत्री बनने पर अपना पहला आधिकारिक निवास बनाया था। इस बंगले ने आज़ादी के शुरुआती दौर के राजनीतिक और सामाजिक बदलावों को करीब से देखा है। लुटियंस ज़ोन, जिसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था, देश की सत्ता का केंद्र माना जाता है और यहां रहना आज भी प्रतिष्ठा का प्रतीक है।

    दिल्ली का लुटियंस ज़ोन भारत के सबसे महंगे और सीमित इलाकों में से एक है। यहां लगभग 3,000 बंगले हैं, जिनमें से सिर्फ 600 निजी स्वामित्व में हैं। बाकी सरकारी दफ्तरों और आवासीय उपयोग में आते हैं। इस इलाके की संपत्तियां वर्षों से अरबपतियों, उद्योगपतियों और राजनीतिक हस्तियों की पहली पसंद रही हैं।

    विशेषज्ञों के अनुसार, इस सौदे ने भारत के प्रीमियम हाउसिंग मार्केट में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। लुटियंस ज़ोन में संपत्तियों की कीमतें पहले ही लगातार बढ़ रही थीं, अब इस सौदे से इनकी मूल्यांकन सीमा और ऊँची हो जाएगी। यह सौदा उन निवेशकों के लिए संकेत है कि भारत का लक्जरी रियल एस्टेट बाजार अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो रहा है। आने वाले समय में इसी क्षेत्र में संपत्ति खरीदने वालों को और भी ऊँचे दाम चुकाने पड़ सकते हैं।

    एक रियल एस्टेट विश्लेषक ने कहा –

    “लुटियंस ज़ोन की संपत्तियां सिर्फ जमीन और मकान नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा और विरासत का प्रतीक हैं। इस सौदे से भारत के रियल एस्टेट बाजार में नई ऊँचाई स्थापित हुई है।”

    पिछले कुछ वर्षों में भारत के रियल एस्टेट बाजार में बड़ी तेजी देखी गई है लक्जरी हाउसिंग और हेरिटेज प्रॉपर्टीज की मांग लगातार बढ़ रही है।अरबपति खरीदार अब सिर्फ आधुनिक सुविधाओं वाले घर ही नहीं, बल्कि इतिहास और प्रतीकात्मक महत्व रखने वाली संपत्तियों में भी निवेश कर रहे हैं। इस सौदे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित क्षेत्रों की संपत्तियां किसी भी मूल्य पर बिक सकती हैं।

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