




नेपाल में बढ़ती राजनीतिक और सामाजिक अशांति को लेकर चीन ने बयान जारी किया है। चीन ने नेपाल की जनता और नेताओं से अपील की है कि वे सामाजिक स्थिरता और शांति बनाए रखें। हालांकि, चीन ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के हालिया इस्तीफे पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से साफ इंकार कर दिया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नेपाल एक “मैत्रीपूर्ण पड़ोसी देश” है और चीन चाहता है कि वहां स्थिरता और विकास कायम रहे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “नेपाल की राजनीतिक परिस्थितियाँ उनका आंतरिक मामला है और चीन इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा।”
विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल की मौजूदा अशांति और ओली के इस्तीफे ने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। भारत और चीन दोनों नेपाल में स्थिरता को अहम मानते हैं, क्योंकि यह भू-राजनीतिक दृष्टि से रणनीतिक महत्व का देश है।
नेपाल में विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच खींचतान तेज़ हो गई है। इस बीच चीन का यह रुख साफ करता है कि वह राजनीतिक घटनाक्रम पर सीधे तौर पर कोई पक्ष नहीं लेना चाहता, बल्कि केवल स्थिरता और सामाजिक शांति की वकालत कर रहा है।