




महाराष्ट्र के प्रमुख छात्र संगठन छात्र भारती ने राज्य सरकार से एक महत्वपूर्ण मांग रखते हुए कहा है कि पूरे राज्य में छात्रों के लिए मुफ्त एसटी बस पास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। संगठन का कहना है कि यदि यह सुविधा लागू होती है, तो लाखों छात्रों को शिक्षा तक आसानी से पहुँच बनाने में मदद मिलेगी।
छात्र भारती का तर्क है कि राज्यभर में बड़ी संख्या में छात्र ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से प्रतिदिन लंबी दूरी तय करके स्कूलों और कॉलेजों तक पहुँचते हैं। परिवहन पर आने वाला खर्च उनके परिवारों के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता है। मुफ्त एसटी बस पास मिलने से न केवल उनकी आर्थिक परेशानी कम होगी, बल्कि शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा।
आज की महँगाई और बढ़ते खर्चों के बीच, गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना आसान नहीं है। फीस, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यकताओं के साथ-साथ परिवहन पर भी बड़ी रकम खर्च होती है। संगठन का कहना है कि यदि सरकार बस पास मुफ्त कर दे, तो यह सीधा आर्थिक राहत का काम करेगा।
महाराष्ट्र के कई जिलों में छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए रोज़ाना 15 से 40 किलोमीटर तक यात्रा करनी पड़ती है। निजी परिवहन उनके लिए महँगा साबित होता है, जबकि एसटी बसें ही सबसे किफायती और भरोसेमंद साधन मानी जाती हैं। लेकिन रोज़ाना का किराया देने में कई परिवार असमर्थ हो जाते हैं, जिसकी वजह से कुछ छात्र पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं।
छात्र भारती ने अपनी मांग में यह भी कहा कि संविधान में शिक्षा को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया गया है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों को शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। मुफ्त बस पास उपलब्ध कराने से छात्रों को समान अवसर मिलेगा और शिक्षा में भेदभाव की खाई कम होगी।
छात्र भारती ने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए उम्मीद जताई है कि सरकार उनकी इस मांग को गंभीरता से लेगी। संगठन ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे।
यदि सरकार यह निर्णय लेती है, तो इसके अनेक लाभ सामने आएंगे:
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शिक्षा का दायरा बढ़ेगा: ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के अधिक छात्र पढ़ाई जारी रख पाएंगे।
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आर्थिक राहत: परिवारों पर आने वाला परिवहन खर्च समाप्त होगा।
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ड्रॉपआउट दर में कमी: पैसों की वजह से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की संख्या घटेगी।
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समान अवसर: गरीब और अमीर दोनों वर्ग के छात्रों को समान सुविधा मिलेगी।
देश के कई राज्यों में छात्रों को रियायती या मुफ्त बस पास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे शिक्षा का स्तर और नामांकन दर में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। छात्र भारती का कहना है कि महाराष्ट्र में भी यह कदम राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा।
छात्र भारती की यह मांग न केवल छात्रों के लिए राहत की पहल है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में एक दूरगामी और प्रगतिशील कदम साबित हो सकता है। आने वाले समय में सरकार का रुख इस पर क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन इतना तय है कि यदि यह योजना लागू होती है, तो यह लाखों छात्रों और उनके परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी।