




राजनीतिक सरगर्मियों के बीच शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने देश के उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के वरिष्ठ सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि जिस तरह से हाल ही में उपराष्ट्रपति चुने गए, उसमें “वोट खरीदे जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।”
सावंत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे इतने पक्ष में आए हैं, तो इसके पीछे “सौदेबाजी और वोट खरीद” की भूमिका हो सकती है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर से लोगों का भरोसा न उठे।
हालांकि, भाजपा और अन्य सहयोगी दलों ने शिवसेना (उद्धव गुट) के आरोपों को “निराधार और राजनीतिक हताशा का परिणाम” बताया है। उनका कहना है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव पूरी तरह से संवैधानिक और पारदर्शी प्रक्रिया से हुआ है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान आने वाले दिनों में संसद और राजनीतिक गलियारों में नया विवाद और टकराव खड़ा कर सकता है।