




उद्धव और राज ठाकरे की अहम मुलाकात: गठबंधन की अटकलें तेज
Uddhav Raj Thackeray Meeting 2025 ने महाराष्ट्र की राजनीति को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। बुधवार को शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) अध्यक्ष राज ठाकरे से उनके आवास शिवतीर्थ पर मिले। यह मुलाकात स्थानीय निकाय चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच संभावित गठबंधन की ओर इशारा करती है।
चौथी बार बातचीत का सार्वजनिक संकेत
यह पहली बार नहीं है जब ठाकरे परिवार के दोनों प्रमुख एक-दूसरे से मिले हों।
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यह उनकी चौथी सार्वजनिक मुलाकात मानी जा रही है।
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इससे पहले गणेशोत्सव के दौरान उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे से मिलने शिवतीर्थ गए थे।
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जुलाई में राज ठाकरे भी ‘मातोश्री’ गए थे और उद्धव को जन्मदिन की बधाई दी थी।
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5 जुलाई को दोनों नेताओं ने एक मंच साझा किया था जब महाराष्ट्र सरकार को अपने त्रिभाषा फॉर्मूले और हिंदी थोपने वाले आदेश को वापस लेना पड़ा था।
इन मुलाकातों ने राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज कर दी हैं कि दोनों दल आने वाले चुनावों में हाथ मिला सकते हैं।
BMC चुनाव पर नजर
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मुलाकात सीधे तौर पर आगामी बई नगर निगम (बृहन्मुंBMC) चुनाव से जुड़ी है।
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यदि शिवसेना (UBT) और MNS साथ आते हैं, तो उनकी मुख्य टक्कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से होगी।
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भाजपा और शिंदे गुट मिलकर पहले से ही रणनीति बना रहे हैं, लेकिन उद्धव-राज गठबंधन होने पर समीकरण बदल सकते हैं।
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मुंबई में मराठी वोट बैंक दोनों दलों के एकजुट होने से भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है।
राजनीतिक समीकरण और संभावनाएँ
हालांकि अभी तक किसी भी तरह के औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन संकेत साफ हैं कि दोनों दल अपने पुराने मतभेद भुलाकर आगे बढ़ सकते हैं।
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उद्धव ठाकरे के लिए यह गठबंधन भाजपा और शिंदे गुट के खिलाफ मजबूती देगा।
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राज ठाकरे की MNS को भी मुख्यधारा की राजनीति में दोबारा पकड़ बनाने का अवसर मिलेगा।
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महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है, जो न सिर्फ स्थानीय बल्कि राज्यस्तर की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे।
BJP पर सीधा असर
बीजेपी अब तक महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनावों में आक्रामक रणनीति अपनाती रही है। उद्धव और राज का साथ आना भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
हालांकि, यह भी सच है कि राज ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच अच्छे रिश्ते रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि यह समीकरण किस दिशा में जाता है।