




बिहार में रोजगार से जुड़े मुद्दों को लेकर युवाओं का आक्रोश एक बार फिर सामने आया है। बख्तियारपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दौरे के दौरान पुस्तकालयाध्यक्ष (Librarian) पद के अभ्यर्थियों ने सीधा सवाल उठाया कि सरकार कब तक लंबित रिक्तियों पर बहाली करेगी।
🔹 अभ्यर्थियों की शिकायत
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उम्मीदवारों का कहना है कि लंबे समय से लाइब्रेरियन पद की वैकेंसी का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया।
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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल आश्वासन देती रही है लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती।
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कई अभ्यर्थियों की उम्र अब ऊपरी सीमा तक पहुँच रही है, जिससे उनका भविष्य अधर में है।
🔹 सीएम नीतीश से सीधा सवाल
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बख्तियारपुर में कार्यक्रम के दौरान अभ्यर्थियों ने सीएम नीतीश से सीधा सवाल पूछा –
“सर, आखिर कब होगी लाइब्रेरियन पद पर बहाली?” -
हालांकि मुख्यमंत्री ने तत्काल कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन भरोसा दिलाया कि मामले की समीक्षा की जाएगी।
🔹 विपक्ष का हमला
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विपक्षी दलों ने इस मौके को भुनाते हुए कहा कि सरकार युवाओं को लगातार रोजगार से वंचित कर रही है।
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राजद और कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सरकारी तंत्र में हजारों रिक्तियां पड़ी हैं, लेकिन सरकार भर्ती नहीं कर रही।
🔹 शिक्षा और रोजगार का सवाल
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विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में पुस्तकालयाध्यक्ष और अन्य शिक्षा संबंधित पदों पर बहाली से न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि शिक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी।
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फिलहाल उम्मीदवारों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द बहाली प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
बख्तियारपुर में सीएम नीतीश से लाइब्रेरियन पद की रिक्तियों पर पूछे गए सवाल ने बिहार की राजनीति में रोजगार को फिर से बड़ा मुद्दा बना दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर ठोस कदम कब उठाती है।