




बिहार की राजनीति में 2025 के विधानसभा चुनाव और लोकसभा समीकरणों को देखते हुए कांग्रेस और राजद (RJD) के बीच सीट बंटवारे की चर्चा तेज हो गई है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी सीमांचल और मुस्लिम-दलित वोट बैंक पर विशेष रणनीति बना रही है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि सीमांचल क्षेत्र में उसे पर्याप्त सीटें मिलें क्योंकि यहां मुस्लिम वोटरों की संख्या निर्णायक मानी जाती है। वहीं, राजद की नजर पारंपरिक यादव-मुस्लिम समीकरण के साथ-साथ दलित वर्ग को साधने पर है।
🔹 सीमांचल बना कांग्रेस-राजद का फोकस
सीमांचल (कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया) में मुस्लिम वोटरों का अनुपात अधिक है। कांग्रेस का दावा है कि यहां उसका ऐतिहासिक प्रभाव रहा है, जबकि राजद मानती है कि लालू प्रसाद यादव की राजनीति का असर अब भी यहां कायम है। यही वजह है कि सीट बंटवारे में दोनों दल अपने-अपने तर्क रख रहे हैं।
🔹 राहुल गांधी-तेजस्वी यादव की बैठक
हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने सीट बंटवारे पर शुरुआती बातचीत की। हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन दोनों नेताओं ने तय किया है कि मुस्लिम-दलित समीकरण को केंद्र में रखकर सीटों का बंटवारा होगा।
🔹 दलित राजनीति पर फोकस
चिराग पासवान की सक्रियता और लोक जनशक्ति पार्टी की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस और राजद दोनों ही दलित वोट बैंक को एकजुट रखने की रणनीति बना रहे हैं। पार्टी का मानना है कि यदि दलित और मुस्लिम वोट एकजुट हुए तो भाजपा और जदयू के लिए चुनौती खड़ी होगी।
🔹 भाजपा और जदयू पर दबाव
भाजपा और जदयू ने भी सीमांचल और दलित बहुल इलाकों में अपने संगठन को सक्रिय किया है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस-राजद की साझेदारी केवल वोट बैंक की राजनीति है और इससे विकास प्रभावित होगा।