




सुप्रीम कोर्ट ने भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच को लेकर दाखिल एक याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में कोई ‘तत्कालता’ (Urgency) नहीं है और इसे सामान्य प्रक्रिया के तहत ही देखा जाएगा।
दरअसल, याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि भारत-पाकिस्तान मैच के आयोजन और सुरक्षा इंतजामों को लेकर तत्काल सुनवाई की जाए। लेकिन मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट खेल आयोजनों में सीधे दखल नहीं दे सकता।
🔹 कोर्ट की टिप्पणियाँ
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यह मामला न्यायिक हस्तक्षेप योग्य नहीं है।
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खेल आयोजन और उससे जुड़े फैसले संबंधित खेल प्राधिकरण और सरकार के स्तर पर होते हैं।
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अदालत को इसमें कोई ‘असाधारण परिस्थिति’ नजर नहीं आई।
🔹 याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता ने कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरे हो सकते हैं, इसलिए इस पर तुरंत फैसला जरूरी है। हालांकि, कोर्ट ने माना कि सुरक्षा और आयोजन का विषय नीति-निर्माण और प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत आता है।
🔹 राजनीतिक और खेल जगत में चर्चा
भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मुकाबले को लेकर हमेशा संवेदनशील माहौल रहा है। कई बार राजनीतिक तनाव के चलते द्विपक्षीय सीरीज बंद हो चुकी है और टी20 या एशिया कप जैसे टूर्नामेंटों में ही दोनों टीमें भिड़ती हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह रुख साफ संकेत है कि खेल से जुड़े निर्णय न्यायपालिका की नहीं बल्कि खेल और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच पर किसी तरह की ‘तत्काल’ सुनवाई की जरूरत नहीं है। अब गेंद पूरी तरह सरकार और खेल बोर्ड (BCCI) के पाले में है कि वे सुरक्षा और आयोजन से जुड़े निर्णय लें।