




अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो (Peter Navarro) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ (शुल्क) नीति और रूस के साथ व्यापार को लेकर कुछ बड़े दावे किए। इन दावों को एलन मस्क के X (पूर्व ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर हजारों बार शेयर किया गया। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से कई बातें अधूरी या भ्रामक हैं।
🔹 नवारो के दावे
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भारत अमेरिका पर ऊँचे आयात शुल्क लगाता है, जबकि अमेरिका भारत को छूट देता है।
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भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़ रहा है, जिससे अमेरिका की पॉलिसी कमजोर हो रही है।
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एलन मस्क जैसे उद्यमियों को भारत में बिजनेस करने के लिए कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
🔹 फैक्ट-चेक रिपोर्ट
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भारत-अमेरिका टैरिफ: विशेषज्ञों के अनुसार, भारत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर ऊँचे आयात शुल्क लगाता है, लेकिन अमेरिका भी भारतीय स्टील, एल्युमिनियम और IT सेवाओं पर कई तरह की पाबंदियां और शुल्क लगाता है। यह रिश्ता एकतरफा नहीं है।
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भारत-रूस व्यापार: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से तेल आयात बढ़ाया है, लेकिन यह पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत हुआ है। अमेरिका ने भी इसे “भारत का राष्ट्रीय हित” माना है।
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एलन मस्क और भारत: टेस्ला को भारत में आने से पहले आयात शुल्क और लोकल मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी बातचीत करनी पड़ी, लेकिन हाल ही में भारत सरकार ने EV पॉलिसी में राहत दी है।
🔹 X प्लेटफॉर्म पर बहस
एलन मस्क के X पर यह मुद्दा ट्रेंड कर गया।
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कुछ यूजर्स ने नवारो के पक्ष का समर्थन किया।
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वहीं, भारतीय यूजर्स ने तथ्यों के साथ पलटवार किया और कहा कि नवारो का बयान “आधा सच” है।
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अमेरिकी मीडिया ने भी नवारो के दावों की फैक्ट-चेक रिपोर्ट प्रकाशित की।
🔹 कूटनीतिक नजरिया
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड इश्यूज नए नहीं हैं, लेकिन दोनों देश इन्हें बातचीत से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
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हाल ही में पीएम मोदी और अमेरिकी नेताओं की बैठकों में इस पर चर्चा हुई।
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रूस से भारत के संबंधों को अमेरिका समझदारी से देख रहा है क्योंकि भारत उसका रणनीतिक साझेदार है।
पीटर नवारो के दावे पूरी तरह तथ्यात्मक नहीं हैं। भारत-अमेरिका व्यापार संबंध जटिल जरूर हैं, लेकिन दोनों देश इन्हें सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं। वहीं, रूस और भारत के बीच व्यापार पर अमेरिका का दृष्टिकोण भी संतुलित है।