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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) से एक बड़ा राजनीतिक झटका सामने आया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता प्रकाश महाजन ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। महाजन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें लंबे समय से पार्टी में नज़रअंदाज़ किया जा रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया।
🔹 इस्तीफ़े के पीछे की नाराज़गी
प्रकाश महाजन ने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए वर्षों तक काम किया, लेकिन हाल के दिनों में उनके सुझावों और मेहनत को महत्व नहीं दिया गया।
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“मैंने हमेशा पार्टी को मज़बूत करने की कोशिश की, लेकिन मुझे लगातार नज़रअंदाज़ किया गया। प्रवक्ता होते हुए भी मुझे मीडिया में पार्टी की लाइन स्पष्ट करने का अवसर नहीं दिया जाता था,” महाजन ने कहा।
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संगठनात्मक फैसलों में उनकी राय को नज़रअंदाज़ किया गया और नए लोगों को प्राथमिकता दी गई।
🔹 MNS में आंतरिक खींचतान
MNS में लंबे समय से संगठनात्मक असंतोष की खबरें आती रही हैं।
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कुछ कार्यकर्ता मानते हैं कि पार्टी केवल राज ठाकरे और उनके करीबी सर्कल पर निर्भर है।
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कई पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि उनके योगदान को दरकिनार किया जा रहा है।
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प्रकाश महाजन का इस्तीफ़ा इस असंतोष को और ज्यादा उजागर करता है।
🔹 पार्टी की प्रतिक्रिया
MNS की ओर से अभी तक आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने महाजन से बातचीत करने की कोशिश की थी।
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एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह व्यक्तिगत नाराज़गी है, पार्टी मज़बूत है और काम जारी रहेगा।”
🔹 महाराष्ट्र की राजनीति पर असर
विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रकाश महाजन जैसे नेता का इस्तीफ़ा MNS की छवि पर असर डाल सकता है।
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आने वाले समय में महाराष्ट्र में होने वाले नागरिक निकाय चुनावों और विधानसभा चुनावों से पहले यह पार्टी के लिए झटका हो सकता है।
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इससे यह संदेश भी जा सकता है कि MNS में आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है।
🔹 प्रकाश महाजन का आगे का रास्ता
महाजन ने फिलहाल किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की घोषणा नहीं की है।
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उन्होंने कहा, “अभी मैं राजनीति से थोड़ी दूरी बनाऊँगा। आगे क्या करना है, इसका फैसला समय पर होगा।”
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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकते हैं।
🔹 जनता और समर्थकों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर महाजन के इस्तीफ़े की खबर फैलते ही समर्थकों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएँ दीं।
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कुछ ने कहा कि पार्टी को ऐसे समर्पित नेता को रोकना चाहिए था।
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वहीं कुछ ने महाजन पर ही आरोप लगाया कि वे चुनावी समय में दबाव बनाना चाहते हैंनिष्कर्ष
प्रकाश महाजन का इस्तीफ़ा MNS के लिए केवल एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि पार्टी के भीतर चल रही असंतुष्टि और खींचतान का संकेत है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज ठाकरे और उनकी पार्टी इस झटके से कैसे उबरती है और क्या प्रकाश महाजन का अगला कदम किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होना होगा।








