




बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां एक ओर सत्ताधारी NDA गठबंधन अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटा है, वहीं विपक्षी INDIA गठबंधन भी मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश कर रहा है। लेकिन सबसे बड़ी अड़चन दोनों ही गठबंधनों में सीट बंटवारे (Seat Sharing Formula) को लेकर सामने आ रही है। अभी तक न तो NDA और न ही INDIA ब्लॉक सीटों का फॉर्मूला तय कर पाया है।
🔹 NDA में सीट बंटवारे की चुनौती
NDA में इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP रामविलास) प्रमुख साझेदार हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, भाजपा इस बार ज्यादा सीटों पर दावेदारी चाहती है, क्योंकि पिछली बार उसे जेडीयू के मुकाबले नुकसान उठाना पड़ा था।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU 2020 की तर्ज पर कम सीटों पर समझौता करने के मूड में नहीं है।
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चिराग पासवान गुट भी कम से कम 30 से 35 सीटों की मांग कर रहा है, जिससे समीकरण और जटिल हो गया है।
NDA की अंदरूनी बैठकों में यही सबसे बड़ा पेच है कि किस पार्टी को कितनी सीटें दी जाएं ताकि कोई नाराज होकर गठबंधन न तोड़े।
🔹 INDIA गठबंधन में मतभेद
दूसरी ओर विपक्षी INDIA गठबंधन में राजद (RJD), कांग्रेस, वाम दल और कुछ छोटे दल शामिल हैं।
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राजद खुद को गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा मानते हुए 120 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रहा है।
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कांग्रेस का कहना है कि उसका पूरे बिहार में वोट बैंक है, इसलिए उसे 60 से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए।
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वाम दल भी अपने पारंपरिक इलाकों में 25 से 30 सीटों की मांग कर रहे हैं।
इन सबके बीच तेजस्वी यादव लगातार यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि विपक्षी एकता ही भाजपा को हराने का रास्ता है। लेकिन, अंदरखाने खींचतान इतनी ज्यादा है कि अभी तक कोई ठोस फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है।
🔹 सीट बंटवारे का असर चुनावी माहौल पर
विशेषज्ञों का मानना है कि सीट बंटवारे में देरी से गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठते हैं।
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कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है।
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विरोधी दलों को यह कहने का मौका मिलता है कि गठबंधन में भरोसा और तालमेल की कमी है।
🔹 अंदर की कहानी
सूत्र बताते हैं कि NDA और INDIA दोनों ही खेमों में बैठकों का दौर लगातार जारी है।
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NDA में भाजपा और जेडीयू नेताओं की कई राउंड बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन नतीजा शून्य रहा।
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INDIA गठबंधन में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और सीताराम येचुरी के बीच सीट शेयरिंग पर लंबी चर्चा हुई, लेकिन कोई भी पार्टी अपने पुराने दावे से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह तनाव चुनाव नजदीक आने तक और बढ़ सकता है। अक्सर आखिरी समय पर ही समझौता होता है और कई बार असंतोष खुलकर सामने आ जाता है।
बिहार चुनाव 2025 में गठबंधन राजनीति ही सबसे अहम फैक्टर बनने जा रही है। लेकिन अभी तक न तो NDA और न ही INDIA गठबंधन इस बात पर फैसला ले पाया है कि किस पार्टी को कितनी सीटें दी जाएं। सीट बंटवारे का यह पेच ही चुनाव की दिशा और दशा तय करेगा।