




दिल्ली और आसपास के इलाकों में इन दिनों H3N2 फ्लू वायरस तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक लगभग 70% लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इस खतरनाक वायरस की सबसे बड़ी समस्या यह है कि मरीजों को लंबे समय तक बुखार से राहत नहीं मिल रही और लगातार खांसी से सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह फ्लू सिर्फ सामान्य सर्दी-जुकाम नहीं है, बल्कि इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह वायरस जानलेवा साबित हो सकता है।
क्या है H3N2 फ्लू?
H3N2 वायरस इन्फ्लुएंजा का एक स्ट्रेन है, जो फ्लू (influenza A virus) का हिस्सा है। यह वायरस तेज बुखार, खांसी और गले में खराश जैसी समस्याएं पैदा करता है। हालांकि साधारण फ्लू की तरह दिखने वाला यह वायरस ज्यादा गंभीर साबित हो रहा है।
इसका असर सामान्य इम्यूनिटी वाले लोगों पर भी लंबे समय तक रह सकता है। मरीजों को लगातार 5 से 7 दिनों तक तेज बुखार बना रहता है। खांसी इतनी गंभीर हो सकती है कि मरीज को नींद तक नहीं आती।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 70% मरीज इस फ्लू से प्रभावित हैं। प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। कई मरीजों में संक्रमण इतना गंभीर हो गया कि उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की घनी आबादी और बदलता मौसम इस वायरस के तेजी से फैलने का बड़ा कारण है।
H3N2 फ्लू के 10 खतरनाक लक्षण
डॉक्टरों ने जिन लक्षणों पर तुरंत ध्यान देने की सलाह दी है, वे हैं:
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लगातार तेज बुखार (5-7 दिन से ज्यादा)।
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गले में खराश और सूजन।
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सांस लेने में दिक्कत और सीने में जकड़न।
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सूखी खांसी जो बढ़ती जाती है।
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शरीर और जोड़ों में तेज दर्द।
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लगातार थकान और कमजोरी।
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भूख न लगना।
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सिरदर्द और चक्कर आना।
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नींद न आना (खांसी और बुखार की वजह से)।
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गंभीर मामलों में ऑक्सीजन लेवल गिरना।
दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों के डॉक्टरों ने कहा कि मरीजों को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय पर इलाज न करने पर निमोनिया और फेफड़ों में संक्रमण का खतरा है। यह वायरस कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों पर ज्यादा तेजी से हमला करता है। सेल्फ-मेडिकेशन (खुद से दवा लेना) बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
कौन लोग हैं सबसे ज्यादा खतरे में?
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बच्चे और बुजुर्ग
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गर्भवती महिलाएं
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डायबिटीज, अस्थमा, हार्ट पेशेंट्स
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जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है
बचाव कैसे करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क पहनें।
बार-बार हाथ धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
ठंडे पेय और बाहर का अस्वास्थ्यकर खाना न खाएं।
खांसते-छींकते समय मुंह ढकें।
पर्याप्त पानी पिएं और नींद पूरी करें।
अगर लक्षण बढ़ते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को अलर्ट जारी किया है। सभी सरकारी अस्पतालों में अलग वार्ड तैयार किए गए हैं। प्राइवेट अस्पतालों को भी विशेष बेड और ऑक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहा है।
एम्स दिल्ली के एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है:
“H3N2 फ्लू सामान्य वायरल इंफेक्शन से कहीं ज्यादा खतरनाक है। मरीजों को लंबे समय तक बुखार और खांसी की समस्या रहती है। समय पर इलाज और सतर्कता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा तरीका है।”
दिल्ली में H3N2 फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और यह अब आम जनता के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। 70% लोग पहले से इसकी चपेट में हैं और लापरवाही करना गंभीर साबित हो सकता है।
बुखार और खांसी को हल्के में लेने के बजाय लोगों को तुरंत जांच और इलाज करवाना चाहिए। सरकार और अस्पताल सतर्क हैं, लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी जनता की है कि वे अपनी सुरक्षा और सावधानी खुद बरतें।