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    ऑटो चालक के बेटे ने NEET में शानदार प्रदर्शन कर सरकारी सीट हासिल की, परिवार में खुशी की लहर

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         महाराष्ट्र के अंबाजोगाई से एक प्रेरक कहानी सामने आई है, जिसने देशभर के युवाओं के लिए एक मिसाल पेश की है। ऑटो रिक्शा चलाने वाले पिता के बेटे राहुल घुमरे ने NEET 2025 परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर अंबाजोगाई के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाया। यह सफलता केवल परीक्षा में अंक हासिल करने की कहानी नहीं है, बल्कि संघर्ष, परिवार के बलिदान और सही समय पर मिले समर्थन की भी कहानी है।

    राहुल के पिता दिन-रात ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने राहुल की पढ़ाई और करियर को कभी भी सीमित नहीं होने दिया। परिवार ने अपनी वित्तीय कठिनाइयों और निजी जरूरतों की परवाह किए बिना राहुल को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए पूरी मेहनत की।

    राहुल बताते हैं:
    “मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया और कभी भी हार नहीं मानने की सीख दी। उनके बलिदान और परिश्रम के बिना मैं यह मुकाम हासिल नहीं कर सकता था।”

    NEET (National Eligibility cum Entrance Test) एक बेहद प्रतिस्पर्धी परीक्षा है, जिसमें लाखों छात्र हिस्सा लेते हैं। राहुल की तैयारी में दृढ़ता, अनुशासन और सही रणनीति का बड़ा योगदान रहा।

    • सटीक योजना और रूटीन: राहुल ने दिन-रात पढ़ाई और रिवीजन पर ध्यान दिया।

    • ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग: सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने स्थानीय कोचिंग और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया।

    • मानसिक दृढ़ता: कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने लगातार मेहनत जारी रखी।

    इन सभी कारकों ने उन्हें NEET में सफल बनाया और सरकारी मेडिकल कॉलेज की सीट दिलाई।

    सरकारी मेडिकल कॉलेज की सीट हासिल करना किसी भी छात्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है, बल्कि वित्तीय बोझ भी काफी कम हो जाता है। राहुल अब अंबाजोगाई के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू करेंगे और भविष्य में डॉक्टर बनकर समाज सेवा में योगदान देंगे।

    राहुल की कहानी कई युवाओं और गरीब परिवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस कहानी से ये संदेश मिलता है:

    1. परिश्रम और लगन का महत्व: सीमित संसाधनों के बावजूद कठिन मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

    2. परिवार का समर्थन: माता-पिता और परिवार की प्रेरणा किसी भी छात्र के जीवन में अहम भूमिका निभाती है।

    3. सकारात्मक दृष्टिकोण: कठिन परिस्थितियों में आत्मविश्वास बनाए रखना सफलता की कुंजी है।

    4. शिक्षा और अवसर: शिक्षा ही व्यक्ति को आत्मनिर्भर और समाज के लिए योगदान देने योग्य बनाती है।

    राहुल की सफलता ने उनके गांव और आसपास के क्षेत्रों में खुशी और प्रेरणा की लहर फैला दी है। गांव के लोग उन्हें बधाई देने पहुंच रहे हैं और उनकी कहानी को स्थानीय मीडिया में भी सराहा जा रहा है।

    राहुल के पिता कहते हैं:
    “हमारे लिए यह गर्व की बात है। यह केवल राहुल की सफलता नहीं, बल्कि हमारे पूरे परिवार की मेहनत और संघर्ष की जीत है।”

    राहुल घुमरे की कहानी यह साबित करती है कि परिश्रम, परिवार का समर्थन और समय पर सही मार्गदर्शन किसी भी चुनौती को पार करने में मदद कर सकते हैं। NEET 2025 में सफलता पाकर सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाना इस युवा की दृढ़ इच्छाशक्ति और समाज के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन गया है।

    यह कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। राहुल का संघर्ष और सफलता यह संदेश देता है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।

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