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दुनियाभर में नशे के कारोबार के खिलाफ चलाए गए एक विशाल अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन में इंटरपोल (Interpol) ने बड़ी सफलता हासिल की है। हाल ही में पूरी हुई इस कार्रवाई में 76 टन नशीले पदार्थ जब्त किए गए और दर्जनों देशों में सैकड़ों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह अब तक के सबसे बड़े सिंक्रोनाइज्ड ऑपरेशनों में से एक माना जा रहा है, जिसने वैश्विक स्तर पर ड्रग्स नेटवर्क को गहरा झटका दिया है।
🔹 ऑपरेशन का पैमाना
इंटरपोल मुख्यालय ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई 90 से अधिक देशों की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर की गई। ऑपरेशन का नाम गुप्त रखा गया, लेकिन यह एक साथ कई महाद्वीपों – एशिया, यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका – में संचालित किया गया।
जब्त किए गए 76 टन नशीले पदार्थों में कोकीन, हेरोइन, मेथाम्फेटामिन, कैनाबिस और सिंथेटिक ड्रग्स शामिल हैं। इसके अलावा बड़ी मात्रा में कैश, हथियार, लग्जरी कारें और स्मगलिंग के उपकरण भी बरामद किए गए।
🔹 गिरफ्तारियां और आरोप
इंटरपोल ने पुष्टि की है कि इस ऑपरेशन के दौरान 1,200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के ड्रग लॉर्ड्स, स्थानीय स्मगलर्स, सप्लाई चैन के बिचौलिए और कई भ्रष्ट अफसर भी शामिल हैं।
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दक्षिण अमेरिका में सबसे अधिक कोकीन जब्त की गई।
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एशिया में मेथाम्फेटामिन और सिंथेटिक ड्रग्स के बड़े कारखाने पकड़े गए।
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यूरोप में कई सी-पोर्ट्स और एयरपोर्ट्स से हेरोइन की बड़ी खेप बरामद हुई।
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अफ्रीका में तस्करी के जरिए हथियार और नकली डॉक्यूमेंट्स के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।
🔹 भारत की भूमिका
सूत्रों के अनुसार, भारत की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और कस्टम विभाग ने भी इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत में कई शहरों से छोटे नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ, जिसमें अफगानिस्तान और म्यांमार से लाई जा रही हेरोइन जब्त की गई।
भारत सरकार ने इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इससे न सिर्फ तस्करी नेटवर्क कमजोर होगा बल्कि युवाओं को नशे से बचाने में मदद मिलेगी।
🔹 इंटरपोल का बयान
इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“यह ऑपरेशन इस बात का प्रमाण है कि जब दुनिया की पुलिस एजेंसियां एकजुट होकर काम करती हैं तो संगठित अपराधियों की सबसे बड़ी ताकत भी धराशायी हो जाती है। नशे का व्यापार न सिर्फ अपराध को बढ़ावा देता है बल्कि समाज की नींव को भी कमजोर करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि इंटरपोल आगे भी ऐसी संयुक्त कार्रवाई जारी रखेगा ताकि ड्रग्स माफिया को खत्म किया जा सके।
🔹 चुनौतियां अब भी बरकरार
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह ऑपरेशन बड़ी सफलता है, लेकिन नशे के अवैध व्यापार को पूरी तरह खत्म करना अभी भी कठिन है। ऑनलाइन डार्क वेब मार्केट्स, क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट, और नई सिंथेटिक ड्रग्स लगातार एजेंसियों की चुनौतियां बढ़ा रही हैं।
इंटरपोल की इस वैश्विक ड्रग्स-रोधी कार्रवाई ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि संगठित अपराध चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सख्त निगरानी से उसे तोड़ा जा सकता है।
भारत सहित कई देशों की एजेंसियों के लिए यह ऑपरेशन एक सीख भी है कि नशे के खिलाफ लड़ाई सिर्फ स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर ही जीती जा सकती है।








