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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में भारतीय सेना की तैयारियों और उनके अद्वितीय प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य की किसी भी स्थिति के लिए सतत तैयार रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे संघर्ष और अस्थिर परिस्थितियों के मद्देनज़र, भारतीय सेना को हमेशा उच्च स्तर की सतर्कता और कुशलता बनाए रखनी होगी।
सिंह ने विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की क्षमता और रणनीतिक कुशलता की प्रशंसा की। इस ऑपरेशन में सेना ने जटिल परिस्थितियों में अपनी तत्परता और कार्यकुशलता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत संदेश गया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना न केवल अपनी सीमा पर बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी उच्च स्तरीय तैयारियों के साथ अपनी भूमिका निभा रही है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति या संकट से निपटने के लिए सेना को तकनीकी उन्नति, आधुनिक हथियार प्रणाली, और सामरिक कौशल में निरंतर सुधार करना होगा।
सिंह ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि भारतीय सेना का कर्तव्य केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक घटनाओं और चुनौतियों के संदर्भ में भी उन्हें अपने निर्णय और कार्रवाई में तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों और सैनिकों को आत्मविश्वास और साहस के साथ किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना करने के लिए प्रेरित किया।
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना की योजना बनाने और उसे निष्पादित करने की क्षमता को स्पष्ट रूप से दिखाया। इस तरह के अभ्यास न केवल सैनिकों के कौशल को बढ़ाते हैं बल्कि उनकी मानसिक और शारीरिक तैयारी को भी परखते हैं।
इसके अलावा, राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि वैश्विक संघर्ष और तकनीकी प्रतिस्पर्धा के बढ़ते प्रभाव के कारण भारतीय सेना को नई रणनीतियों और उन्नत तकनीक के साथ अपने अभियानों को और प्रभावी बनाना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा का खाका केवल सामरिक दृष्टिकोण पर निर्भर नहीं करता, बल्कि इसमें टेक्नोलॉजी, इंटेलिजेंस और रणनीतिक योजना का भी अहम योगदान होता है।
रक्षा मंत्री ने अंत में सभी सैनिकों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी सुरक्षा और विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के प्रयासों और उनकी तत्परता के कारण भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत कर रहा है।
इस प्रकार, राजनाथ सिंह का संदेश स्पष्ट है – भारतीय सेना हमेशा तैयार रहे, अपनी क्षमताओं को बढ़ाए, और किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति या संकट से निपटने में सक्षम हो। ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण स्पष्ट रूप से यह दिखाता है कि भारतीय सेना न केवल कुशल है बल्कि हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।








