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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर देश और दुनिया में ब्लड डोनेशन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की ओर से एक दिन में तीन लाख यूनिट रक्त जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रक्तदान शिविर आयोजित किए हैं। इस अभियान में भारत समेत 70 देशों के लोग हिस्सा ले रहे हैं।
दिल्ली के अणुव्रत भवन में आयोजित मुख्य रक्तदान शिविर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वयं रक्तदान किया। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी शिविर का दौरा किया और युवाओं को रक्तदान के महत्व के प्रति जागरूक किया।
रक्तदान अभियान का उद्देश्य
इस विशेष अभियान का उद्देश्य केवल वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना नहीं है, बल्कि जनता में रक्तदान की आदत और महत्व को भी बढ़ावा देना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित रक्तदान से स्वास्थ्य सुधार, जीवन रक्षा और समाज में सहयोग की भावना मजबूत होती है।
अमृत महोत्सव के तहत आयोजन
यह रक्तदान अभियान अमृत महोत्सव के तहत आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव के दौरान कई शिविर, जागरूकता रैलियां और मीडिया प्रचार के माध्यम से लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
दिल्ली और अन्य राज्यों में शिविरों के आयोजन से पहले सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। प्रत्येक रक्तदान केंद्र पर प्रोफेशनल स्टाफ और स्वास्थ्य विशेषज्ञ उपस्थित हैं।
केंद्रीय मंत्रियों की भागीदारी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा कि:
“रक्तदान से जीवन बचाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हम सभी को इस अभियान में भाग लेना चाहिए।”
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी युवाओं को प्रेरित किया और कहा कि रक्तदान केवल एक शारीरिक योगदान नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
देश और दुनिया में रक्तदान
भारत के विभिन्न राज्यों में सैकड़ों शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जबकि 70 देशों में भी यह अभियान समन्वित रूप से चल रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रयास से रक्त की उपलब्धता और स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार होगा।
सोशल मीडिया और जनजागरूकता
सोशल मीडिया पर इस अभियान की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोग अपने ब्लड डोनेशन की तस्वीरें साझा कर रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
इस अभियान के जरिए युवाओं में रक्तदान को सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाने की भावना बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि एक दिन में तीन लाख यूनिट रक्त एकत्र करना वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह जन जागरूकता और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।
रक्तदान से न केवल रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है, बल्कि इससे रक्तदाता का स्वास्थ्य भी मजबूत रहता है।
भविष्य की संभावनाएँ
इस ब्लड डोनेशन अभियान के सफल आयोजन के बाद:
- देश और दुनिया में रक्तदान की संस्कृति और मजबूत होगी।
- स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों में रक्त की आपूर्ति बेहतर होगी।
- युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी और सहयोग की भावना को बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आयोजित यह ब्लड डोनेशन अभियान न केवल वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास है, बल्कि समाज में रक्तदान की आदत और जागरूकता बढ़ाने का भी एक प्रेरक उदाहरण है।
केंद्रीय मंत्रियों की भागीदारी, अमृत महोत्सव के तहत समन्वित आयोजन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग इस अभियान को और महत्वपूर्ण बना रहे हैं।
रक्तदान से लाखों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है, और इस अभियान का उद्देश्य यही संदेश फैलाना है कि हर व्यक्ति अपने योगदान से समाज में बदलाव ला सकता है।








