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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के तुरंत बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। यह मिशन सीडीएस अनिल चौहान के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। उन्होंने इसे एक नए प्रकार के युद्ध के रूप में वर्णित किया और कहा कि इस लड़ाई में पाकिस्तान को निर्णायक रूप से हराया गया।
ऑपरेशन की सफलता और रणनीति
सीडीएस अनिल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने अपनी ताकत का पूरी दुनिया के सामने परिचय कराया। उन्होंने कहा, “यह मिशन पूरी तरह सफल रहा। पाकिस्तान को इस ऑपरेशन में भारी नुकसान हुआ। यह केवल सेना की क्षमता का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह हमारी रणनीतिक तैयारियों और साहस का प्रतीक भी था।”
विशेषज्ञों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की गहन तैयारी और आधुनिक तकनीक का उदाहरण है। इसमें रात में की गई कार्रवाई ने पाकिस्तान को चौंका दिया और आतंकवादियों को कोई मौका नहीं दिया।
रात 1.30 बजे कार्रवाई का रहस्य
लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह था कि ऑपरेशन सिंदूर को रात 1.30 बजे क्यों अंजाम दिया गया। सीडीएस अनिल चौहान ने एक कार्यक्रम में इसका जवाब देते हुए कहा, “रात के समय कार्रवाई करने का उद्देश्य था कि विरोधी को समय रहते प्रतिक्रिया का मौका न मिले। यह रणनीति पूरी तरह से योजना और गुप्त कार्रवाई पर आधारित थी।”
उन्होंने आगे बताया कि रात की कार्रवाई ने मिशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। “इस समय आतंकवादी कम सतर्क होते हैं। हमने इसी का लाभ उठाया और बिना किसी नुकसान के अभियान पूरा किया।”
भारतीय सेना की ताकत और वैश्विक प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना की क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भी इसकी प्रशंसा की और इसे रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। भारतीय सेना ने न केवल आतंकवादियों को रोकने में सफलता पाई, बल्कि पाकिस्तान को भी इसका भयानक परिणाम भुगतना पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस ऑपरेशन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की गंभीरता और तैयारियों को स्पष्ट रूप से दिखाया। यह ऑपरेशन सुरक्षा और रणनीति के दृष्टिकोण से एक आदर्श उदाहरण बन गया।
सीडीएस अनिल चौहान के विचार
सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता केवल सेना की ताकत का प्रमाण नहीं है। यह मिशन यह भी दिखाता है कि भारतीय सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हमारे जवानों का साहस, प्रशिक्षण और अनुशासन इस सफलता की कुंजी थे। हम हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की एक निर्णायक जीत थी। सीडीएस अनिल चौहान के नेतृत्व में यह मिशन पूरी तरह सफल रहा और इसके परिणाम पाकिस्तान और आतंकवादियों के लिए गंभीर रहे। रात में कार्रवाई करने की रणनीति, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल और जवानों का साहस इस सफलता की मूल वजहें हैं।
यह ऑपरेशन केवल सुरक्षा का संदेश नहीं बल्कि यह दुनिया को यह दिखाता है कि भारत की सेना हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सैन्य क्षमता और साहस को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया।







