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    ध्रुव नगर, सातपुर: रिहायशी कॉलोनी में बेकरी ने बढ़ाई नागरिकों की चिंता, स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरा

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    नाशिक के ध्रुव नगर, सातपुर क्षेत्र की स्वराज्य कॉलोनी में हाल ही में शुरू हुई बेकरी ने स्थानीय नागरिकों की चिंता और नाराज़गी बढ़ा दी है। कॉलोनी पूरी तरह से रिहायशी है, जहाँ छोटे बच्चे, बुजुर्ग और परिवार रहते हैं। नागरिकों का कहना है कि बेकरी से निकलने वाला धुआं, गंदा पानी और आग का खतरा इलाके के लिए गंभीर सुरक्षा और स्वास्थ्य समस्या बन गया है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि बेकरी से लगातार धुआं उठता है, जो आसपास के घरों में फैल रहा है। इसके अलावा, बेकरी की भट्टी से उठने वाली लाल लपटें और जलती हुई लकड़ी या कोयला इलाके में आग का खतरा पैदा कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि इससे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक प्रदूषण वाले वातावरण में रहने से श्वसन रोग, त्वचा संबंधी परेशानियां और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

    स्थानीय नागरिकों ने बताया कि बेकरी का संचालन रिहायशी इलाके में किया जा रहा है, जबकि क़ानून के अनुसार रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति नहीं होती। इस बात से यह स्पष्ट होता है कि बेकरी का संचालन नियमों के खिलाफ हो रहा है। नागरिकों ने प्रशासन से तत्काल कदम उठाने और बेकरी को नियमों के अनुसार स्थानांतरित करने की मांग की है।

    सामाजिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से भी यह मामला चिंताजनक है। सातपुर कॉलोनी में बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बेकरी से निकलने वाले धुएँ और आग की लपटों से बच्चों, बुजुर्गों और घरों में रहने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा खतरे में है। नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हो सकते हैं।

    नाशिक नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि नियमों का पालन करना आवश्यक है और रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधि कानून के खिलाफ है। प्रशासन ने बेकरी संचालक को चेतावनी दी है कि वह कॉलोनी में धुआं और गंदे पानी के निस्तारण के लिए तुरंत उपाय करे और अन्य सुरक्षा उपाय लागू करे।

    स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों पर नजर रखना और नियमों का कड़ाई से पालन कराना कितना जरूरी है। उनका सुझाव है कि प्रशासन को पहले से ही निगरानी बढ़ानी चाहिए, ताकि नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर कोई खतरा न आए।

    विशेषज्ञों का कहना है कि धुएँ और प्रदूषण से स्वास्थ्य प्रभावित होने की संभावना उच्च होती है। बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा, एलर्जी और अन्य श्वसन संबंधी रोग अधिक देखे जाते हैं। इसके अलावा, आग का खतरा भी तत्कालीन सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

    स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम और प्रशासन से अपील की है कि वे बेकरी को तत्काल रिहायशी इलाके से हटाएं और ऐसे औद्योगिक संचालन के लिए उचित औद्योगिक क्षेत्र में स्थानांतरित करें। उनका कहना है कि सुरक्षा, स्वास्थ्य और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

    यह मामला न केवल ध्रुव नगर, सातपुर बल्कि पूरे नाशिक शहर के लिए चेतावनी है। रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति न देने के कानून का पालन होना आवश्यक है। प्रशासन और नागरिक मिलकर ही सुनिश्चित कर सकते हैं कि रिहायशी इलाके सुरक्षित और स्वच्छ रहें।

    इस घटना ने स्थानीय समुदाय और प्रशासन को यह संदेश दिया है कि स्वास्थ्य और सुरक्षा की अनदेखी गंभीर परिणाम ला सकती है। स्वराज्य कॉलोनी के नागरिक अब प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि उनकी कॉलोनी में रहने का अधिकार सुरक्षित रह सके और बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

    नाशिक के ध्रुव नगर, सातपुर क्षेत्र की स्वराज्य कॉलोनी में हाल ही में शुरू हुई बेकरी ने स्थानीय नागरिकों की चिंता और नाराज़गी बढ़ा दी है। कॉलोनी पूरी तरह से रिहायशी है, जहाँ छोटे बच्चे, बुजुर्ग और परिवार रहते हैं। नागरिकों का कहना है कि बेकरी से निकलने वाला धुआं, गंदा पानी और आग का खतरा इलाके के लिए गंभीर सुरक्षा और स्वास्थ्य समस्या बन गया है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि बेकरी से लगातार धुआं उठता है, जो आसपास के घरों में फैल रहा है। इसके अलावा, बेकरी की भट्टी से उठने वाली लाल लपटें और जलती हुई लकड़ी या कोयला इलाके में आग का खतरा पैदा कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि इससे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक प्रदूषण वाले वातावरण में रहने से श्वसन रोग, त्वचा संबंधी परेशानियां और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

    स्थानीय नागरिकों ने बताया कि बेकरी का संचालन रिहायशी इलाके में किया जा रहा है, जबकि क़ानून के अनुसार रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति नहीं होती। इस बात से यह स्पष्ट होता है कि बेकरी का संचालन नियमों के खिलाफ हो रहा है। नागरिकों ने प्रशासन से तत्काल कदम उठाने और बेकरी को नियमों के अनुसार स्थानांतरित करने की मांग की है।

    सामाजिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से भी यह मामला चिंताजनक है। सातपुर कॉलोनी में बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बेकरी से निकलने वाले धुएँ और आग की लपटों से बच्चों, बुजुर्गों और घरों में रहने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा खतरे में है। नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हो सकते हैं।

    नाशिक नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि नियमों का पालन करना आवश्यक है और रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधि कानून के खिलाफ है। प्रशासन ने बेकरी संचालक को चेतावनी दी है कि वह कॉलोनी में धुआं और गंदे पानी के निस्तारण के लिए तुरंत उपाय करे और अन्य सुरक्षा उपाय लागू करे।

    स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों पर नजर रखना और नियमों का कड़ाई से पालन कराना कितना जरूरी है। उनका सुझाव है कि प्रशासन को पहले से ही निगरानी बढ़ानी चाहिए, ताकि नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर कोई खतरा न आए।

    विशेषज्ञों का कहना है कि धुएँ और प्रदूषण से स्वास्थ्य प्रभावित होने की संभावना उच्च होती है। बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा, एलर्जी और अन्य श्वसन संबंधी रोग अधिक देखे जाते हैं। इसके अलावा, आग का खतरा भी तत्कालीन सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

    स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम और प्रशासन से अपील की है कि वे बेकरी को तत्काल रिहायशी इलाके से हटाएं और ऐसे औद्योगिक संचालन के लिए उचित औद्योगिक क्षेत्र में स्थानांतरित करें। उनका कहना है कि सुरक्षा, स्वास्थ्य और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

    यह मामला न केवल ध्रुव नगर, सातपुर बल्कि पूरे नाशिक शहर के लिए चेतावनी है। रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति न देने के कानून का पालन होना आवश्यक है। प्रशासन और नागरिक मिलकर ही सुनिश्चित कर सकते हैं कि रिहायशी इलाके सुरक्षित और स्वच्छ रहें।

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