




ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सोमरविले कॉलेज ने हाल ही में भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन को फाउंडेशन फैलोशिप से सम्मानित किया। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें उनके उद्योग जगत में उत्कृष्ट योगदान और व्यक्तिगत यात्रा के लिए दिया गया है। चंद्रशेखरन को यह सम्मान उस समय प्रदान किया गया जब उन्होंने भारत और दुनिया भर में व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में अपनी प्रमुख भूमिका के साथ टाटा ग्रुप को एक नई दिशा दी है।
यह सम्मान एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, खासकर ऐसे समय में जब चंद्रशेखरन की नेतृत्व क्षमता ने टाटा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर नया पहचान दिलाई है। सोमरविले कॉलेज, जो कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का एक प्रमुख कॉलेज है, ने फाउंडेशन फैलोशिप के माध्यम से न केवल चंद्रशेखरन की व्यक्तिगत सफलता को सम्मानित किया, बल्कि इस अवसर का उपयोग भारतीय और वैश्विक उद्योगों में उनके योगदान की सराहना करने के लिए किया।
फाउंडेशन फैलोशिप एक प्रतिष्ठित और विशिष्ट सम्मान है जो उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में अत्यधिक योगदान किया हो और जिनकी वैश्विक पहचान हो। इस सम्मान को प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को सोमरविले कॉलेज द्वारा विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है, और यह सम्मान उन्हें अकादमिक, सामाजिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया जाता है।
नटराजन चंद्रशेखरन का नाम भारतीय और वैश्विक व्यापार जगत में सम्मान से लिया जाता है। टाटा समूह के अध्यक्ष बनने के बाद, उन्होंने कंपनी की दिशा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। उन्होंने साझेदारी, नवाचार और आधुनिकरण को बढ़ावा देते हुए टाटा ग्रुप को विभिन्न उद्योगों में और अधिक सशक्त और प्रतिस्पर्धात्मक बनाया है।
चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने ग्लोबल रिवर्स को अपनाया, जिससे कंपनी ने सॉफ्टवेयर, टेलीकॉम, उर्जा, और ऑटोमोटिव जैसे क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के माध्यम से भारतीय आईटी उद्योग को एक नई पहचान दिलवाई और इसे दुनिया भर में एक प्रमुख ब्रांड बना दिया।
उनकी रणनीतियों और व्यापारिक दृष्टिकोण ने न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर टाटा ग्रुप को एक प्रतिष्ठित नाम बना दिया है। उन्होंने अपने प्रयासों से न केवल कंपनी को वित्तीय सफलता दिलाई, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
चंद्रशेखरन का मानना है कि किसी भी कंपनी की सफलता तभी असली होती है जब वह समाज की भलाई के लिए काम करती है। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने विकासशील देशों में उदारवादी दृष्टिकोण को अपनाया और सामाजिक उत्तरदायित्व को प्राथमिकता दी। उदाहरण के तौर पर, टाटा समूह के कई उपक्रमों ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है।
इसलिए, चंद्रशेखरन के व्यक्तिगत और पेशेवर दृष्टिकोण को देखकर यह सहज ही कहा जा सकता है कि उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान पूरी तरह से उनकी मेहनत और समर्पण के लिए दिया गया है। उनका यह विश्वास कि व्यवसाय का उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं, बल्कि समाज में सार्थक परिवर्तन लाना है, उन्हें और अधिक प्रेरणादायक बनाता है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, जो दुनिया के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों में से एक है, ने हमेशा अपने छात्रों और फैलो को वैश्विक दृष्टिकोण और सामाजिक प्रभाव के महत्व को बताया है। सोमरविले कॉलेज, जो ऐतिहासिक दृष्टि से महिलाओं के लिए एक प्रमुख शिक्षा संस्थान है, ने हमेशा समाज के विभिन्न पहलुओं में आधुनिकता, समानता और समावेशिता के मूल्यों को बढ़ावा दिया है।
इस कॉलेज का फाउंडेशन फैलोशिप सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जो उत्कृष्ट नेतृत्व, अकादमिक परिश्रम और समाज सेवा में योगदान करते हैं। नटराजन चंद्रशेखरन को यह सम्मान उसी भूमिका के लिए प्रदान किया गया है, क्योंकि उनकी यात्रा ने न केवल व्यापार और उद्योग जगत में सफलता हासिल की, बल्कि समाज में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाए।
फाउंडेशन फैलोशिप प्राप्त करने के बाद, नटराजन चंद्रशेखरन ने अपने संदेश में कहा कि यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा का उत्सव है, बल्कि उन सभी लोगों का भी सम्मान है जिन्होंने उनके इस यात्रा में उनका साथ दिया। उन्होंने विशेष रूप से अपने परिवार, दोस्तों और टाटा ग्रुप के कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया और इसे टाटा समूह के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया।
चंद्रशेखरन ने यह भी कहा कि यह सम्मान उन्हें और उनके साथ काम करने वाले लोगों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सोमरविले कॉलेज को उनके इस सम्मान के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह सम्मान उन्हें समाज के लिए और अधिक काम करने की प्रेरणा देगा।
नटराजन चंद्रशेखरन की फाउंडेशन फैलोशिप के साथ यह सम्मान व्यावसायिक सफलता, समाज सेवा और नेतृत्व के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में भारतीय और वैश्विक उद्योगों में एक प्रेरणा बनकर उभरा है। यह सम्मान उनके लिए एक नई शुरुआत के रूप में काम करेगा और उनकी सामाजिक और व्यवसायिक यात्रा को और भी उंचा बनाएगा।
इस अवसर पर सोमरविले कॉलेज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने व्यावसायिक सफलता और समाज के प्रति योगदान के महत्व को बढ़ावा दिया, और यह कदम हमें यह याद दिलाता है कि वास्तविक सफलता तब होती है जब हम अपने व्यक्तिगत लक्ष्य से अधिक समाज और राष्ट्र के लिए योगदान देते हैं।