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    ‘Target Me, Not TVK Cadre’: विजय ने मुख्यमंत्री स्टालिन को दिया करूर स्टैम्पेड के बाद वीडियो बयान

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    तमिलनाडु के अभिनेता विजय ने करूर में हुए स्टैम्पेड की घटना के बाद एक वीडियो बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से कहा कि वह टीवीके (तमिल वाइवो काची) कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के बजाय उन्हें ही निशाना बनाएं। विजय ने इस वीडियो में यह भी स्पष्ट किया कि उनकी दिल भारी है और वह इस दु:खद घटना से गहरे रूप से प्रभावित हैं। अभिनेता ने यह भी कहा कि वह राजनीति में अपनी यात्रा जारी रखेंगे, चाहे जितनी भी चुनौतियाँ आएं।

    हाल ही में करूर जिले में एक स्टैम्पेड (हंड़तोड़ घटना) ने तमिलनाडु को शोक में डाल दिया। यह घटना उस समय हुई जब टीवीके पार्टी के समर्थकों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अफवाहें फैलने के बाद अचानक भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे लोग कुचले गए और कई लोग घायल हो गए। इस घटना में कुछ लोगों की मौत भी हो गई, और पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई।

    मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस घटना के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि विजय की फिल्मी छवि और उनके समर्थकों का टीवीके कार्यकर्ताओं के साथ किसी प्रकार का संबंध था। स्टालिन ने आरोप लगाया कि विजय के समर्थकों की मदद से टीवीके कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा भड़की, और इसके परिणामस्वरूप यह दुर्घटना घटी।

    इस बयान के बाद, विजय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, और यह स्पष्ट किया कि उनका कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ताओं से सीधा संबंध नहीं है। विजय ने स्टालिन के बयान को लेकर ट्वीट किया कि वह इस पूरे मामले से अनजान हैं और उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा को स्वतंत्र और निष्कलंक रखने का संकल्प लिया है।

    विजय ने करूर स्टैम्पेड पर गहरा दुःख व्यक्त किया और कहा कि उनका दिल इस घटना से पूरी तरह से भारी है। उन्होंने कहा, “करूर घटना से मेरा दिल बहुत दुखी है। मुझे इस दुखद घटना के बारे में सुनकर बेहद खेद है, और मैं इसके सभी पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

    विजय ने मुख्यमंत्री स्टालिन के बयान का जवाब देते हुए कहा, “मुझे निशाना मत बनाओ, टीवीके कार्यकर्ताओं को निशाना मत बनाओ। वे लोग मेरे समर्थक नहीं हैं और मैंने कभी उन्हें किसी प्रकार की राजनीतिक दिशा या योजना नहीं दी है। अगर किसी को निशाना बनाना है तो मुझे निशाना बनाएं।”

    विजय ने आगे कहा, “मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं। मैं एक अभिनेता हूं, और मेरा राजनीति से कोई संबंध नहीं है। मैं सिर्फ समाज की भलाई के लिए काम करना चाहता हूं और समाजसेवा करता हूं।”

    अभिनेता विजय ने पहले ही यह स्पष्ट किया था कि उनका कोई भी राजनीतिक एजेंडा नहीं है और वह राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल नहीं होना चाहते। हालांकि, उन्होंने हमेशा यह माना है कि वह समाजसेवा के लिए काम करते रहेंगे।

    2021 में विजय ने अपने संगठन “विजय मक्कल Iyyakkam” की स्थापना की, जो सामाजिक कल्याण कार्यों और समाज के पिछड़े वर्गों के लिए काम करता है। संगठन का उद्देश्य मुख्य रूप से गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना है, लेकिन विजय ने कभी इसे एक राजनीतिक संगठन के रूप में पेश नहीं किया।

    करूर स्टैम्पेड की घटना के बाद, टीवीके पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस घटना के लिए विजय और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया। विजय ने इस आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा कि अगर कोई ऐसी घटना हुई है, तो वह व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार है और इसका राजनीतिक कार्यकर्ताओं से कोई संबंध नहीं है

    विजय ने यह भी कहा कि वह अपने संगठन से किसी भी प्रकार का राजनीतिक समर्थन नहीं चाहते। उनका लक्ष्य केवल समाज सुधार और समानता के लिए काम करना है।

    मुख्यमंत्री स्टालिन और विजय के बीच बढ़ता विवाद तमिलनाडु की राजनीति में एक नया मोड़ ले चुका है। स्टालिन ने विजय को एक राजनीतिक हस्ती के रूप में देखा, जबकि विजय ने हमेशा इसे नकारा है।

    विजय के बयान के बाद, यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा प्रमुख हो सकता है। जहां एक ओर डीएमके और स्टालिन का खेमे में यह विवाद राजनीतिक रूप से गर्म हो सकता है, वहीं दूसरी ओर विजय के समर्थक इसे एक सामाजिक संदेश मान रहे हैं।

    अभिनेता विजय ने इस पूरे मामले में स्पष्ट कर दिया कि वह राजनीति से दूर रहकर समाजसेवा करने में विश्वास रखते हैं। हालांकि, उनकी लोकप्रियता और सामाजिक गतिविधियाँ यह संकेत देती हैं कि वह भविष्य में किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव से बचने की कोशिश करेंगे।

    विजय का यह बयान तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में उभरा है कि अभिनेता और राजनीतिक नेता के बीच का अंतर हमेशा स्पष्ट रखना चाहिए।

    विजय और मुख्यमंत्री स्टालिन के बीच बढ़ता विवाद तमिलनाडु की राजनीति में नए मोड़ के संकेत दे रहा है। विजय का “मुझे निशाना मत बनाओ” वाला बयान इस बात को साबित करता है कि वह राजनीतिक मोर्चे से दूर रहकर सिर्फ समाजसेवा पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। वहीं, स्टालिन का यह आरोप कि विजय के समर्थक टीवीके पार्टी के साथ मिलकर हिंसा फैला रहे हैं, तमिलनाडु की राजनीतिक धारा में एक नया विवाद पैदा कर रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसका राजनीतिक असर कितना होगा।

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