




वैश्विक सोशल मीडिया दिग्गज Meta Platforms ने बुधवार को घोषणा की है कि कंपनी 16 दिसंबर 2025 से अपनी जनरेटिव AI तकनीक के जरिए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यूजर्स के अनुभव को और भी ज्यादा व्यक्तिगत बनाएगी। Meta के इस अपडेट के तहत, जिन उपयोगकर्ताओं द्वारा Meta के AI चैट टूल्स का उपयोग किया जाएगा, उनकी बातचीत और इंटरैक्शन के आधार पर कंटेंट और विज्ञापन उनके लिए पर्सनलाइज्ड होंगे।
डिजिटल युग में पर्सनलाइजेशन की मांग तेजी से बढ़ रही है। Meta का कहना है कि इस कदम से कंपनी न केवल अपने यूजर्स को उनके पसंद-नापसंद के हिसाब से बेहतर कंटेंट दिखा सकेगी बल्कि विज्ञापनदाताओं को भी ज्यादा प्रभावी विज्ञापन चलाने में मदद मिलेगी। जनरेटिव AI की मदद से यूजर के सवालों, पसंद और बातचीत का विश्लेषण कर उनके लिए खास सामग्री और प्रासंगिक विज्ञापन प्रदर्शित किए जाएंगे।
Meta ने स्पष्ट किया है कि इस बदलाव के संबंध में 7 अक्टूबर से प्रभावित यूजर्स को नोटिफिकेशन भेजा जाएगा। हालांकि, कंपनी ने यह भी बताया है कि इस पर्सनलाइजेशन फीचर को बंद करने का कोई ऑप्शन या ऑप्ट-आउट विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। यह अपडेट केवल उन उपयोगकर्ताओं पर लागू होगा जो Meta AI चैट टूल्स का इस्तेमाल करते हैं।
Meta की जनरेटिव AI तकनीक एक उन्नत मशीन लर्निंग सिस्टम है जो उपयोगकर्ताओं की बातचीत को समझने और उनसे जुड़ी सामग्री उत्पन्न करने में सक्षम है। यह तकनीक यूजर्स की रुचि के अनुसार जानकारी, सुझाव और विज्ञापन प्रदर्शित कर सकती है, जिससे सोशल मीडिया पर उनकी संलग्नता और अनुभव बेहतर बनता है।
Meta के इस कदम से डिजिटल विज्ञापन उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है। विज्ञापनदाता अब कम बजट में ज्यादा सटीक लक्षित विज्ञापन चला सकेंगे, क्योंकि AI तकनीक उनके लक्षित दर्शकों की पसंद और व्यवहार को बेहतर तरीके से समझती है। इससे कंपनियों के मार्केटिंग प्रयास ज्यादा कारगर बनेंगे और यूजर्स को उनकी जरूरत के अनुसार विज्ञापन मिलेंगे।
हालांकि Meta ने यह दावा किया है कि यह बदलाव कंपनी की कड़े प्राइवेसी नीतियों के तहत होगा, लेकिन विशेषज्ञों और यूजर्स के बीच चिंता बनी हुई है। कई लोगों का कहना है कि ऑप्ट-आउट का विकल्प न होने से यूजर्स की निजता पर असर पड़ सकता है। ऐसे में Meta के लिए यह चुनौती होगी कि वह अपने डेटा संरक्षण उपायों को और अधिक पारदर्शी और मजबूत बनाए।
Meta की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में AI तकनीकों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में हम और भी उन्नत AI टूल्स और पर्सनलाइजेशन फीचर्स देखने को मिल सकते हैं, जो यूजर्स के ऑनलाइन अनुभव को और बेहतर और सहज बनाएंगे।
Meta का यह कदम सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए कंटेंट और विज्ञापन की दुनिया में एक नई क्रांति ला सकता है। AI के माध्यम से पर्सनलाइजेशन से यूजर एक्सपीरियंस तो बेहतर होगा ही, साथ ही व्यवसायों को भी अपने मार्केटिंग टारगेट बेहतर ढंग से हासिल करने का मौका मिलेगा। हालांकि, उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा के मसले कंपनी के लिए लगातार महत्वपूर्ण रहेंगे।