




रणजीत कुमार | जहानाबाद | समाचार वाणी न्यूज़
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शताब्दी वर्ष 1925–2025 को समर्पित एक विशेष विजयादशमी उत्सव का आयोजन गांधी मैदान, जहानाबाद में किया गया। यह दिन इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि वर्ष 1925 में विजयादशमी के पावन अवसर पर ही डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में संघ की स्थापना की थी। आज उसी परंपरा और प्रेरणा को आगे बढ़ाते हुए कार्यकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक क्षण को श्रद्धा, अनुशासन और उत्साह के साथ मनाया।
100 वर्षों की इस गौरवशाली यात्रा को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने समाज को संगठित करने, राष्ट्रवाद की चेतना जगाने और सांस्कृतिक एकता स्थापित करने में अहम योगदान दिया है। विजयादशमी उत्सव केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि संघ की आत्मा और संगठन की शक्ति का प्रतीक है।
इस मौके पर वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि संघ का मूल उद्देश्य राष्ट्र को सशक्त, आत्मनिर्भर और संगठित बनाना है। अनुशासन, संगठन और सेवा को अपना मूल मंत्र बनाकर संघ ने देशभर में करोड़ों स्वयंसेवकों को तैयार किया है। यही स्वयंसेवक राष्ट्र के कोने-कोने में समाज सेवा, शिक्षा, आपदा राहत और सांस्कृतिक संरक्षण के कार्य कर रहे हैं।
जहानाबाद नगर मंडल में आयोजित इस उत्सव में कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रभक्ति और एकता का संदेश दिया। गांधी मैदान में एक विशाल सभा का आयोजन हुआ, जिसमें स्थानीय कार्यकर्ताओं और गणमान्य नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंच से वक्ताओं ने बताया कि संघ केवल संगठन नहीं बल्कि एक जीवन पद्धति है, जो हर स्वयंसेवक को अनुशासन और सेवा का पाठ पढ़ाता है।
कार्यक्रम के दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम् और जय श्रीराम के गगनभेदी नारों के बीच एक विशाल रैली निकाली गई। यह रैली शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्वक संपन्न हुई, जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवक गणवेश धारण कर कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़े। शहर की मुख्य सड़कों से गुज़रते हुए यह रैली राष्ट्रीय एकता और हिंदू समाज की जागरूकता का संदेश देती रही।
इस उत्सव की अध्यक्षता स्थानीय कार्यकर्ताओं ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सुनील कुमार, अजीत शर्मा, भोला बाबू और पत्रकार संतोष श्रीवास्तव सहित कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे। अतिथियों ने संघ की कार्यशैली और अनुशासन की सराहना की और कहा कि संघ राष्ट्र की आत्मा को सशक्त बनाने का कार्य कर रहा है।
वक्ताओं ने याद दिलाया कि पिछले 100 वर्षों में संघ ने समाज जागरण, सांस्कृतिक एकता और हिंदू समाज की जागरूकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश में जब-जब आपदा या संकट आया है, संघ के स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा के लिए आगे आए हैं। यही सेवा भाव आने वाले 100 वर्षों में भी संघ की पहचान बना रहेगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष केवल एक उत्सव नहीं बल्कि समर्पण और सेवा का संकल्प है। जहानाबाद में आयोजित विजयादशमी उत्सव ने यह स्पष्ट कर दिया कि संघ का लक्ष्य राष्ट्र को संगठित करना और प्रत्येक नागरिक में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाना है। विजयादशमी का यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर और संगठन की शक्ति का जीवंत प्रमाण बना।