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    पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल हाईवे : ज्योतिरादित्य सिंधिया

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    केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आज दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल हाईवे (Digital Highway) बना लिया है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

    सिंधिया ने एक अंतरराष्ट्रीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “मैं भारत के एक ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं, और मुझे गर्व है कि आज मेरे क्षेत्र का हर युवा केवल नौकरी ढूंढने वाला कर्मचारी नहीं, बल्कि स्वयं का व्यवसाय शुरू करने वाला नियोक्ता बनना चाहता है। यह बदलाव प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल विजन की ही देन है।”

    उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान ने न केवल देश के शहरी इलाकों को बल्कि गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों को भी इंटरनेट से जोड़ा है। भारत आज उस मुकाम पर पहुंच चुका है जहां डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर केवल तकनीकी जरूरत नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा बन गया है।

    सिंधिया ने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला था, तब देश के पास सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल पहुंच थी। लेकिन पिछले दस वर्षों में भारत ने 13 लाख किलोमीटर से अधिक का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाकर एक अभूतपूर्व डिजिटल हाईवे तैयार किया है। यह नेटवर्क देश के 6 लाख से अधिक गांवों को जोड़ता है और दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में से एक है।

    केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत के इस डिजिटल परिवर्तन ने विश्व स्तर पर एक नई पहचान बनाई है। “आज जब दुनिया भारत की ओर देखती है, तो उसे सिर्फ आईटी प्रोफेशनल्स का देश नहीं, बल्कि डिजिटल इनोवेशन का केंद्र दिखाई देता है। भारत का डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर अब विश्व के कई देशों के लिए मॉडल बन चुका है।”

    सिंधिया ने बताया कि भारत में डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा विश्व में सबसे आगे है। उन्होंने कहा, “आज भारत में हर महीने 12 अरब से अधिक यूपीआई ट्रांजेक्शन होते हैं, जो किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। इससे यह साबित होता है कि डिजिटल इंडिया केवल सरकार की योजना नहीं, बल्कि लोगों का आंदोलन बन चुका है।”

    उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल हाईवे के कारण अब शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में ई-गवर्नेंस सेवाओं की पहुंच ने आम नागरिकों को सशक्त बनाया है। सिंधिया ने कहा, “अब ग्रामीण भारत तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बन रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है कि भारत के हर गांव तक तेज इंटरनेट पहुंचाया जाए ताकि डिजिटल समानता सुनिश्चित की जा सके।”

    सिंधिया ने इस दौरान युवा उद्यमियों की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि भारत का ग्रामीण युवा आज डिजिटल माध्यमों से अपने स्टार्टअप चला रहा है, ऐप डेवलप कर रहा है, ऑनलाइन बिजनेस कर रहा है और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे रहा है। यह बदलाव दर्शाता है कि डिजिटल इंडिया अभियान ने ग्रामीण भारत की सोच और जीवनशैली को पूरी तरह बदल दिया है।

    उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने डिजिटल क्रांति को केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि ‘भारतनेट प्रोजेक्ट’ जैसे अभियानों के माध्यम से हर पंचायत को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा गया है। सिंधिया ने दावा किया कि अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की सबसे सस्ती और सबसे तेज इंटरनेट सेवाओं वाला देश बन जाएगा।

    कार्यक्रम के दौरान सिंधिया ने प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भारत को केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि डिजिटल प्रोड्यूसर राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। आज भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5G, और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में विश्व अग्रणी बनता जा रहा है।

    सिंधिया ने अपने भाषण में कहा, “हमारा लक्ष्य डिजिटल डिवाइड को खत्म करना है। जब एक गांव का किसान मोबाइल से अपनी फसल का भाव जान सकता है, जब एक ग्रामीण बच्चा ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकता है, तब ही सच्चे अर्थों में डिजिटल लोकतंत्र स्थापित होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह कर दिखाया है।”

    उन्होंने कहा कि भारत का डिजिटल हाईवे अब सिर्फ तकनीकी नेटवर्क नहीं, बल्कि देश की प्रगति की धड़कन है। यह वह शक्ति है जो हर नागरिक को जोड़ती है और हर क्षेत्र को सशक्त बनाती है। सिंधिया ने यह भी बताया कि आने वाले वर्षों में भारत का ध्यान 6G तकनीक, सैटेलाइट इंटरनेट और एआई आधारित ग्रामीण कनेक्टिविटी पर होगा।

    केंद्रीय मंत्री ने यह भी जोड़ा कि भारत का डिजिटल मॉडल अब अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका के देशों के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। कई देश अब भारत के ‘डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल’ को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं, जो पारदर्शिता, किफायत और जनसुलभता पर आधारित है।

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