




संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर लगातार चिंता बनी हुई है। चिकित्सकों की टीम के अनुसार, महाराज अब लगातार पांचवें दिन डायलिसिस पर हैं, और उनकी स्थिति पर विशेष नजर रखी जा रही है। अस्पताल में उपचार कर रहे डॉक्टर ने बताया कि महाराज की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है, लेकिन अभी उन्हें पूरी तरह से आराम और देखरेख की आवश्यकता है।
डॉक्टर का बयान और मेडिकल अपडेट
डॉक्टर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्रेमानंद महाराज का किडनी फंक्शन पिछले कुछ समय से कमजोर हो गया था, जिसके चलते उन्हें डायलिसिस पर रखा गया। उन्होंने कहा, “हम लगातार उनकी सेहत की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। महाराज की हालत फिलहाल गंभीर तो नहीं है, लेकिन लगातार डायलिसिस आवश्यक है ताकि उनके शरीर में जरूरी इलेक्ट्रोलाइट और फ्लूइड संतुलन बना रहे।”
उन्होंने आगे बताया कि महाराज को डायलिसिस के साथ-साथ स्ट्रिक्ट डाइट और दवाओं का नियमित सेवन कराया जा रहा है। डॉक्टर ने यह भी कहा कि महाराज का मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य भी बेहतर बनाने के लिए उन्हें शांत और आरामदायक वातावरण में रखा गया है।
प्रेमानंद महाराज की सामान्य गतिविधियां और देखभाल
अस्पताल प्रशासन ने यह भी साझा किया कि प्रेमानंद महाराज की देखभाल में नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सक पूरी तरह से तैनात हैं। महाराज अब तक रोगी विभाग में चिकित्सकीय निगरानी में हैं। उनकी नींद और रक्तचाप की नियमित जाँच हो रही है। चिकित्सक यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि डायलिसिस के दौरान कोई जटिलता न आए।
इसके साथ ही, महाराज के अनुयायी और भक्त उनके स्वास्थ्य के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके स्वास्थ्य को लेकर अपडेट साझा किए जा रहे हैं और लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
भक्तों और अनुयायियों का रिएक्शन
भक्त और अनुयायी अस्पताल के बाहर और सोशल मीडिया पर अपने समर्थन और दुआओं का इज़हार कर रहे हैं। कई अनुयायियों ने कहा कि महाराज की आध्यात्मिक उपस्थिति ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं, और वे उनकी शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
स्थानीय मीडिया और धर्मिक संगठनों ने भी अस्पताल प्रशासन से संपर्क करके सत्यापित जानकारी लेने की कोशिश की है ताकि गलत रिपोर्टिंग से बचा जा सके।
आगे का इलाज और निगरानी
डॉक्टरों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में महाराज की डायलिसिस का क्रम जारी रहेगा और उनकी किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार आने तक उन्हें निगरानी में रखा जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महाराज की स्थिति पर कोई भी जल्दबाजी में अनुमान लगाना उचित नहीं होगा, और यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और नियंत्रित है।
साथ ही डॉक्टरों ने कहा कि महाराज को मानसिक और भावनात्मक रूप से भी स्थिर रखने के लिए नियमित वार्तालाप और आध्यात्मिक गतिविधियों में संलग्न किया गया है। यह प्रयास इसलिए किया जा रहा है ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति दोनों संतुलित बनी रहे।