




बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है, जबकि दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। इन चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए चुनाव आयोग ने ‘निर्विरोध अवधि’ के दौरान कड़े नियम लागू किए हैं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान के ठीक पहले 48 घंटे की निर्विरोध अवधि के दौरान किसी भी तरह के बल्क एसएमएस और वॉयस मैसेज भेजना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर को एक नोट जारी कर बताया कि मतदान के अंतिम घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक रहेगी। इसमें सभी राजनीतिक दल, उम्मीदवार और उनके समर्थक शामिल हैं। इस दौरान टीवी, रेडियो, सिनेमा हॉल, मोबाइल फोन के जरिए किए जाने वाले चुनावी प्रचार प्रतिबंधित हैं।
निर्विरोध अवधि का मतलब है कि चुनाव के दौरान प्रचार अभियान को रोक दिया जाता है ताकि मतदाता बिना किसी बाहरी दबाव के सोच-समझकर अपना निर्णय ले सकें। यह भारतीय चुनाव प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो लोकतंत्र की विश्वसनीयता को बनाए रखने में सहायक होता है।
हालांकि तकनीक के विकास के साथ, बल्क एसएमएस और वॉयस मैसेज के जरिए प्रचार करना आसान हो गया है। चुनाव आयोग ने इस आधुनिक समस्या को गंभीरता से लिया है और इसके खिलाफ विशेष निगरानी बढ़ाई है।
चुनाव आयोग ने मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस निर्विरोध अवधि में किसी भी प्रकार के बल्क एसएमएस या वॉयस मैसेज की आवाजाही को रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क रहें। यदि कोई भी दल या व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस दिशा में आयोग ने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों को भी अपनी-अपनी टीमों को इस नियम की जानकारी देनी चाहिए ताकि कोई अनजाने में नियम का उल्लंघन न करे।
बिहार में विधानसभा चुनाव का हर साल बहुत बड़ा राजनीतिक महाकुंभ होता है। यह चुनाव न सिर्फ राज्य की सरकार बनाता है, बल्कि पूरे देश की राजनीतिक दिशा पर भी इसका असर पड़ता है। इसलिए चुनाव आयोग इस बार विशेष तौर पर चुनाव की निष्पक्षता और शांतिपूर्ण संचालन को लेकर सचेत है।
इस चुनाव में बड़े-बड़े राजनीतिक दल, नेता और समर्थक मतदान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं, जिससे चुनावी प्रचार का स्तर भी ऊँचा हो जाता है। ऐसे में निर्विरोध अवधि के नियम का पालन बहुत जरूरी हो जाता है।
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बल्क एसएमएस: चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव के अंतिम 48 घंटे के दौरान किसी भी उम्मीदवार या पार्टी द्वारा चुनाव प्रचार के लिए मोबाइल संदेश भेजना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
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वॉयस मैसेज: इसी तरह वॉयस कॉल या वॉयस मैसेज के माध्यम से प्रचार भी सख्ती से रोक दिया गया है।
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टीवी और रेडियो प्रचार: चुनाव प्रचार के लिए टीवी, रेडियो और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन भी निर्विरोध अवधि के दौरान बैन रहेगा।
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सार्वजनिक जगहों पर प्रचार: इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर चुनावी रैलियां, जनसभाएं या प्रचार सामग्री बांटना मना है।
पिछले चुनावों में देखा गया है कि कई बार दल निर्विरोध अवधि में नियमों का उल्लंघन करते पाए गए, खासकर सोशल मीडिया और मोबाइल नेटवर्क के जरिए प्रचार कर। इस बार चुनाव आयोग ने ऐसे उल्लंघनों को रोकने के लिए विशेष तकनीकी उपाय और निगरानी तैनात की है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, चुनाव आयोग की ये सख्ती लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक है क्योंकि निर्विरोध अवधि में चुनाव प्रचार रोकने से मतदाता बिना दबाव के स्वतंत्र निर्णय ले सकते हैं।
चुनाव आयोग के इस कदम पर अधिकांश राजनीतिक दलों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वे नियमों का सम्मान करेंगे। हालांकि, कुछ दलों ने इस अवधि में प्रचार प्रतिबंध को लेकर अपनी आपत्तियां भी जताई हैं, लेकिन सभी मान रहे हैं कि कानून का पालन करना आवश्यक है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सफलता के लिए निर्विरोध अवधि में बल्क एसएमएस और वॉयस मैसेज पर लगाई गई रोक बेहद अहम कदम है। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहेगी और मतदाता बिना किसी बाहरी प्रभाव के अपने मताधिकार का उपयोग कर पाएंगे।