• Create News
  • Nominate Now

    गाज़ा समझौते पर हस्ताक्षर: हैमस ने बंधकों को किया रिहा, अमेरिका और क्षेत्रीय नेताओं ने किया ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    गाज़ा पट्टी में दो वर्षों से जारी संघर्ष के बीच सोमवार को एक ऐतिहासिक मोड़ आया, जब इज़राइल और हैमस के बीच बंधकों और कैदियों की अदला-बदली हुई और इसी के साथ ही अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्किये के नेताओं ने एक संयुक्त “गाज़ा डिक्लेरेशन” पर हस्ताक्षर किए। यह घोषणा संघर्षविराम को स्थायी और प्रभावशाली रूप देने की दिशा में एक बड़ा कूटनीतिक कदम मानी जा रही है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने इस पूरी पहल में सक्रिय भूमिका निभाई, ने इसे “मध्य पूर्व के लिए एक जबरदस्त दिन” बताया। उन्होंने कहा:

    “यह केवल एक समझौता नहीं है, यह भविष्य की स्थायी शांति के लिए आधारशिला है।”

    वाशिंगटन डीसी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में, ट्रंप के साथ मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी, कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल-थानी, और तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तय्यिप एर्दोआन भी मौजूद थे।

    गाज़ा डिक्लेरेशन, एक बहुपक्षीय सहमति-पत्र है, जिसमें सभी पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि:

    • इज़राइल और हैमस के बीच पूर्ण संघर्षविराम तुरंत प्रभाव से लागू होगा।

    • हैमस ने 20 जीवित बंधकों को इज़राइल को सौंप दिया है।

    • इज़राइल ने जवाब में 1,700 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है।

    • गाज़ा में मानवीय सहायता निर्बाध रूप से पहुंचाई जाएगी।

    • भविष्य में शांति वार्ता के लिए एक स्थायी तंत्र और निगरानी समिति बनाई जाएगी।

    यह समझौता अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्किये द्वारा गारंटर (guarantor) के रूप में हस्ताक्षरित किया गया है, जिससे इन देशों की राजनीतिक प्रतिबद्धता और सुरक्षा गारंटी दोनों शामिल हैं।

    इस ऐतिहासिक दिन की शुरुआत इज़राइल और हैमस के बीच एक बंधक और कैदी अदला-बदली सौदे से हुई। हैमस ने गाज़ा में बंदी बनाए गए 20 जीवित इज़राइली नागरिकों को रिहा किया, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे।

    रिहा हुए बंधकों को रेड क्रॉस और यूएन मानवीय संगठनों की निगरानी में इज़राइली अधिकारियों को सौंपा गया। उनके परिवारों के साथ पुनर्मिलन के भावुक दृश्य दुनिया भर में वायरल हो गए।

    इसी प्रकार, इज़राइली सरकार ने 1,700 फिलिस्तीनी बंदियों को जिनमें महिलाएं, किशोर और राजनीतिक कैदी शामिल हैं, पश्चिमी तट और गाज़ा में उनके परिवारों के पास भेज दिया।

    गाज़ा में इज़राइल और हैमस के बीच 2023 में छिड़ा संघर्ष अब तक दसियों हजार जानें ले चुका है, जिनमें बड़ी संख्या में आम नागरिक और बच्चे शामिल रहे।
    2023 में गाज़ा में हुई हिंसक झड़पों और हवाई हमलों के बाद, हैमस ने कई इज़राइली नागरिकों को बंधक बना लिया था, जबकि इज़राइल ने गाज़ा में सैन्य कार्रवाई तेज़ कर दी थी।

    इन दो वर्षों के दौरान कई बार संघर्षविराम की कोशिशें हुईं लेकिन असफल रहीं। यह पहला मौका है जब दोनों पक्षों के बीच सहमति से समझौता हुआ है और उसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है।

    संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस समझौते की सराहना करते हुए कहा कि यह “स्थायी समाधान की ओर पहला कदम” है।

    भारत के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा कि “भारत इस शांति पहल का स्वागत करता है और विश्वास करता है कि यह क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक ठोस कदम है।”

    हालांकि, कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सिर्फ समझौते से नहीं, बल्कि इसके लंबी अवधि में पालन और निगरानी से ही शांति कायम रह सकती है।

    गाज़ा डिक्लेरेशन एक शुरुआत मात्र है। आने वाले महीनों में देखने वाली बातें होंगी:

    • क्या हैमस और इज़राइल संघर्ष से पूर्णतः पीछे हटेंगे?

    • क्या अंतरराष्ट्रीय गारंटर देश इस प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से लागू करवा पाएंगे?

    • क्या मानवीय सहायता वास्तव में गाज़ा के लोगों तक पहुंचेगी?

    इन सवालों के उत्तर ही तय करेंगे कि यह समझौता सिर्फ कागज़ी कसरत है या वास्तविक शांति की शुरुआत

    13 अक्टूबर 2025 को जो कुछ घटा, वह इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा — एक ओर बंधकों की रिहाई, दूसरी ओर चार देशों का हस्ताक्षरित शांति समझौता। यह एक संघर्षग्रस्त क्षेत्र के लिए नई सुबह हो सकती है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    नीता अंबानी ने दिखाया शाही अंदाज, 3,025 हीरों से जड़ा 17 करोड़ का बैग, दुनिया का सबसे महंगा बैग लेकर पहुंचीं

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। मुंबई की शान और उद्योगपतियों की दुनिया की जानी-पहचानी हस्ती नीता अंबानी ने एक बार फिर अपने शाही अंदाज और…

    Continue reading
    केंद्र सरकार न्यूनतम PF पेंशन बढ़ाने पर कर रही विचार: मंत्री मंडाविया

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। केंद्र सरकार न्यूनतम भविष्य निधि (PF) पेंशन को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह जानकारी केंद्रीय श्रम…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *