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    केंद्र सरकार न्यूनतम PF पेंशन बढ़ाने पर कर रही विचार: मंत्री मंडाविया

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    केंद्र सरकार न्यूनतम भविष्य निधि (PF) पेंशन को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह जानकारी केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक के दौरान दी।

    बैठक में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार पेंशनभोगियों की पुरानी मांग को लेकर संवेदनशील है और कैबिनेट स्तर पर प्रस्ताव पर चर्चा की जा रही है

    “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि EPFO सदस्य अधिक सम्मान और सुविधा के साथ जीवन यापन कर सकें। न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर कैबिनेट सक्रिय रूप से विचार कर रहा है।”
    – मनसुख मंडाविया, श्रम मंत्री

    वर्तमान में EPS-95 (Employees’ Pension Scheme, 1995) के तहत पेंशन धारकों को न्यूनतम ₹1,000 प्रति माह की राशि मिलती है।

    हालांकि, कई पेंशनर्स और ट्रेड यूनियनों ने लंबे समय से यह मांग की है कि यह राशि मौजूदा महंगाई और जीवन की लागत के हिसाब से बहुत कम है।

    कुछ संसदीय समितियों और सामाजिक संगठनों ने न्यूनतम पेंशन को ₹3,000 से ₹7,500 तक बढ़ाने की सिफारिश की है।

    CBT की बैठक में श्रम मंत्री ने यह भी बताया कि पेंशन में वृद्धि के साथ-साथ EPFO की पेंशन योजना को सरल और आधुनिक बनाने की दिशा में भी कार्य हो रहा है।

    केंद्र सरकार बजटीय सहायता, योगदान ढांचे में संशोधन और वित्तीय संतुलन बनाए रखने की संभावनाओं का मूल्यांकन कर रही है।

    इसका उद्देश्य है कि पेंशन वृद्धि टिकाऊ हो और किसी भी तरह से फंड की स्थिरता को खतरा न पहुंचे।

    इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण घोषणा की गई:
    EPFO ने EPF स्कीम के तहत आंशिक निकासी के 13 जटिल नियमों को समाप्त कर, उन्हें तीन सरल श्रेणियों में विभाजित किया है।

    अब निकासी के तीन वर्ग होंगे:

    1. अनिवार्य आवश्यकताएं (Essential Needs):

      • बीमारी, शिक्षा, विवाह जैसी जरूरतें

    2. आवास संबंधी आवश्यकताएं (Housing Needs):

      • मकान की खरीद, निर्माण या मरम्मत

    3. विशेष परिस्थितियां (Special Circumstances):

      • प्राकृतिक आपदा, विकलांगता, अनावश्यक खर्च आदि

    इस बदलाव से EPF सदस्यों को प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता, सरलता और त्वरित सेवा मिलने की उम्मीद है।

    देशभर के पेंशन धारकों और मजदूर संगठनों ने इस खबर का स्वागत किया है। EPS-95 पेंशन धारकों का कहना है कि उन्हें वर्षों से केवल ₹1,000 की राशि मिल रही है, जो एक वरिष्ठ नागरिक के लिए न के बराबर है।

    “हमें जीवन यापन के लिए कम से कम ₹5,000–₹7,000 की न्यूनतम पेंशन चाहिए। यह हमारा हक है, कृपा नहीं।”
    – सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के एक सदस्य

    पेंशन बढ़ाने का निर्णय आसान नहीं है। इसका सीधा असर EPFO की निधि (Corpus) और सरकार के बजट पर पड़ेगा। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि पेंशन की वृद्धि:

    • स्थायी (Sustainable) हो

    • फंड पर अनावश्यक दबाव न डाले

    • और भविष्य में पेंशन देने की क्षमता बनी रहे

    विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार यह निर्णय लेती है, तो इसे चरणबद्ध (Phased Manner) में लागू किया जा सकता है।

    सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव कैबिनेट की एक आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जा सकता है। यदि स्वीकृति मिलती है, तो 2026 की पहली तिमाही से इसे लागू करने की संभावना है।

    EPFO से जुड़े अधिकारी भी इस संबंध में गणनाएँ और वित्तीय आकलन तैयार कर रहे हैं।

    सरकार द्वारा PF पेंशन में बढ़ोतरी पर विचार एक सकारात्मक संकेत है, विशेषकर उन लाखों पेंशनभोगियों के लिए जो वर्षों से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं।

    साथ ही, आंशिक निकासी नियमों का सरलीकरण भी EPFO की छवि को बेहतर करने और कर्मचारियों के हित में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

    अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस दिशा में वास्तविक निर्णय कब और किस रूप में लेती है, और इसका लाभ देशभर के कर्मचारियों और पेंशन धारकों तक कैसे पहुंचेगा।

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