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    पल्स पोलियो अभियान में ड्यूटी करते स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी

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    जियान सहानी | फाजिल्का | समाचार वाणी न्यूज़
    देश को पोलियो मुक्त बनाए रखने के उद्देश्य से पूरे देश में चलाए जा रहे पल्स पोलियो अभियान के तहत आज फाजिल्का जिले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी के दौरान सराहनीय कार्य किया। यह अभियान बच्चों को घातक रोग पोलियो से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें शून्य से पाँच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाती है।

    जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गुरमिंदर सिंह ने बताया कि इस बार का पल्स पोलियो अभियान तीन दिनों तक चलेगा। पहले दिन सभी सरकारी अस्पतालों, आंगनवाड़ी केंद्रों, विद्यालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पोलियो बूथ स्थापित किए गए, जबकि अगले दो दिनों तक टीमें घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक देंगी।

    उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों, नर्सों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों की सैकड़ों टीमें इस कार्य में लगी हुई हैं। हर टीम को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि किसी भी बच्चे को पोलियो की खुराक से वंचित न रहना पड़े।

    सुबह से ही स्वास्थ्य कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में बूथों पर तैनात रहे। कुछ कर्मचारी झुग्गी-झोपड़ियों, गाँवों और दूरदराज़ के इलाकों में जाकर बच्चों को पोलियो की बूँदें पिला रहे थे। माएँ अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर बूथों पर पहुँचीं और स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से बूँदें पिलाईं।

    डॉ. गुरमिंदर सिंह ने बताया कि “पोलियो जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए यह अभियान अत्यंत आवश्यक है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि जिले का कोई भी बच्चा पोलियो बूँदों से वंचित न रहे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम दिन-रात कार्य कर रही है।”

    स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी राकेश कुमार ने बताया कि यह सिर्फ ड्यूटी नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है। उन्होंने कहा कि हर बार अभियान के दौरान लोगों से बहुत अच्छा सहयोग मिलता है। लेकिन कुछ इलाकों में अब भी अभिभावकों को जागरूक करने की ज़रूरत है।

    जागरूकता फैलाने के लिए प्रशासन की ओर से माइक अनाउंसमेंट, पोस्टर, और सोशल मीडिया कैंपेन भी चलाए जा रहे हैं। गांवों में सरपंचों और पंचायत सदस्यों से भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि कोई बच्चा छूट न जाए।

    एक माँ प्रीति देवी ने कहा कि “सरकार का यह प्रयास सराहनीय है। पहले लोग पोलियो के डर से बच्चों को बाहर नहीं भेज पाते थे, लेकिन अब हम निश्चिंत हैं कि ये बूँदें हमारे बच्चों की सुरक्षा करती हैं।”

    कार्यक्रम के अंत में डॉ. सिंह ने कहा कि भारत पहले ही पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है, लेकिन इस उपलब्धि को बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि जब भी स्वास्थ्य विभाग की टीम आपके घर आए, तो अपने बच्चों को पोलियो की दो बूँदें ज़रूर पिलाएं।

    उन्होंने यह भी बताया कि “अगर किसी कारणवश कोई बच्चा छूट जाता है, तो अभिभावक नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर बूँदें दिलवा सकते हैं।”

     

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