




भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट डील को अंतिम रूप देने की तैयारी में हैं। सहारा समूह अपनी 88 संपत्तियों को अडानी ग्रुप को बेचने का प्रस्ताव लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। यह सौदा न केवल रियल एस्टेट क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, बल्कि इससे सहारा समूह के निवेशकों की फंसी हुई रकम भी वापस मिलने की उम्मीद जगी है।
सहारा समूह की प्रमुख संपत्तियों में महाराष्ट्र की एंबी वैली और उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित सहारा शहर शामिल हैं। इन संपत्तियों को पहले भी नीलामी के लिए रखा गया था, लेकिन कानूनी पेचीदगियों और ऊंची कीमतों के कारण उचित बोली नहीं मिल पाई थी। अब अडानी ग्रुप इन संपत्तियों को अधिग्रहित करने की योजना बना रहा है, जिससे सहारा समूह की वित्तीय स्थिति में सुधार और निवेशकों को राहत मिल सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को हुई, जिसमें सहारा इंडिया कमर्शल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) ने अपनी संपत्तियों को अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगी थी। यह सुनवाई सहारा समूह की वित्तीय योजना और उसकी संपत्तियों के भविष्य के लेन-देन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।
यदि यह डील सफल होती है, तो अडानी ग्रुप को रियल एस्टेट क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति प्राप्त होगी, जबकि सहारा समूह अपने बकाए को चुकाने में सक्षम होगा। इससे सहारा में निवेश करने वाले लाखों निवेशकों को भी अपने फंसे हुए पैसे वापस मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।