




भारतीय क्रिकेट में जहां युवा खिलाड़ियों की नई फौज लगातार टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक दे रही है, वहीं कुछ अनुभवी खिलाड़ी अब भी अपने प्रदर्शन से यह साबित कर रहे हैं कि उनका समय खत्म नहीं हुआ। इसी कड़ी में विकेटकीपर बल्लेबाज केएस भरत का नाम एक बार फिर चर्चा में है। रणजी ट्रॉफी 2025-26 सीजन के पहले ही मैच में भरत ने अपनी क्लास और धैर्य से सबको प्रभावित करते हुए शानदार शतक ठोका है।
यह मुकाबला आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच खेला जा रहा है। पहले बल्लेबाजी करते हुए आंध्र की टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। शुरुआती तीन विकेट जल्द गिर गए और टीम मुश्किल में नजर आने लगी। ऐसे में क्रीज पर उतरे भरत ने एक सीनियर खिलाड़ी की तरह जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने पहले पारी को संभाला और फिर अपनी परिपक्व बल्लेबाजी से टीम को स्थिरता दी।
भरत ने शुरुआत में धैर्य के साथ बल्लेबाजी की और रनगति को नियंत्रित रखा। जब गेंदबाजों ने लाइन-लेंथ में ढील दी, तो उन्होंने शानदार स्ट्रोक्स लगाए। उनकी पारी में क्लासिक ड्राइव्स, सटीक फुटवर्क और बेहतरीन शॉट सेलेक्शन देखने को मिला। 38वें ओवर में उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया और उसके बाद रन गति बढ़ाई। उन्होंने 175 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जो उनके फर्स्ट क्लास करियर का 11वां शतक है।
इस शानदार प्रदर्शन के साथ केएस भरत ने एक बार फिर चयनकर्ताओं को यह याद दिला दिया है कि वे अब भी टीम इंडिया के लिए तैयार हैं। भरत को आखिरी बार भारत की ओर से खेलने का मौका फरवरी 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान मिला था। इसके बाद से वह लगातार टीम से बाहर चल रहे हैं। ऋषभ पंत की चोट से वापसी और ईशान किशन की मौजूदगी के चलते भरत को जगह नहीं मिल पाई।
हालांकि, भरत ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट पर पूरा ध्यान केंद्रित किया और हर मैच में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाया। पिछले सीजन में भी उन्होंने आंध्र की ओर से लगातार अच्छी पारियां खेलीं थीं, लेकिन यह शतक उनके आत्मविश्वास के लिए बेहद खास है।
मैच के बाद भरत ने अपनी पारी पर बात करते हुए कहा, “मैं सिर्फ एक चीज़ जानता हूँ — परफॉर्म करो, बाकी सब अपने आप होगा। पिछले कुछ महीने मुश्किल थे, लेकिन मैं बस क्रिकेट खेलना चाहता हूँ। रणजी मेरे लिए हमेशा खास रहा है क्योंकि यहीं से सब कुछ शुरू हुआ था।”
भरत की यह पारी ऐसे समय आई है जब भारतीय टीम को लंबे फॉर्मेट में स्थिर विकेटकीपर-बल्लेबाज की तलाश है। ऋषभ पंत ने भले ही फिटनेस के बाद टीम में वापसी की हो, लेकिन चयनकर्ता लगातार दूसरी पंक्ति के खिलाड़ियों पर भी नजर रखे हुए हैं। ऐसे में भरत का यह शतक आने वाले चयन दौर में उनकी स्थिति को और मजबूत कर सकता है।
क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी भरत की इस पारी की जमकर तारीफ की है। पूर्व भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह सिर्फ एक शतक नहीं, बल्कि एक स्टेटमेंट है। केएस भरत ने दिखाया कि धैर्य और क्लास दोनों एक साथ हो सकते हैं। यह पारी सेलेक्टर्स को जवाब है कि अनुभव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
भरत की इस पारी की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि उन्होंने एक मुश्किल पिच पर रन बनाए। उत्तर प्रदेश के गेंदबाज, जिनमें स्पिन और सीम दोनों का शानदार मिश्रण था, लगातार दबाव बना रहे थे। लेकिन भरत ने अपने फुटवर्क और मानसिक मजबूती से हर चैलेंज का सामना किया। उन्होंने हर मौके पर स्ट्राइक रोटेट की और भागीदारियों को लंबे समय तक बनाए रखा।
यह शतक न सिर्फ भरत की वापसी का संकेत है, बल्कि यह रणजी ट्रॉफी की अहमियत को भी उजागर करता है। IPL और T20 के दौर में भी भरत जैसे खिलाड़ी यह साबित कर रहे हैं कि टेस्ट क्रिकेट की बुनियाद डोमेस्टिक क्रिकेट में ही मजबूत होती है। रणजी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट ही वे प्लेटफॉर्म हैं, जहां खिलाड़ी अपनी असली परीक्षा देते हैं।
भरत के इस प्रदर्शन ने आंध्र टीम के मनोबल को भी बढ़ाया है। टीम प्रबंधन ने कहा कि भरत ने इस पारी से युवाओं को सीख दी है कि धैर्य और तकनीक से किसी भी मैच की दिशा बदली जा सकती है।
अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या भरत आने वाले मैचों में भी इसी फॉर्म को बनाए रख पाते हैं। अगर वह लगातार प्रदर्शन करते हैं, तो भारत की टेस्ट टीम में उनकी वापसी तय मानी जा सकती है। क्योंकि क्रिकेट में एक बात हमेशा सच रही है — फॉर्म अस्थायी है, लेकिन क्लास स्थायी।