




उत्तर प्रदेश और बिहार में गांजा तस्करी का एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उड़ीसा से यूपी-बिहार तक चल रही अंतरराज्यीय गांजा तस्करी के गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। इस कार्रवाई में 684 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 1.71 करोड़ रुपये बताई गई है। इस मामले में तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से उड़ीसा से गांजा लाकर उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों में सप्लाई कर रहा था। पुलिस और एसटीएफ को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध वाहन और लोग बड़े पैमाने पर गांजा तस्करी में लगे हैं। इसके आधार पर कार्रवाई की गई और गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार किए गए।
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के पास से 684 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ, साथ ही तस्करी में इस्तेमाल होने वाले वाहन और अन्य साजो-सामान भी जब्त किए गए। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने अपने नेटवर्क, सप्लाई चैन और अन्य लोगों के नाम भी साझा किए, जिससे यह पता चला कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चला रहा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरोह काफी संगठित था और अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय था। उन्होंने बताया कि उड़ीसा से लाए गए गांजे को उपभोक्ता बाजार तक पहुंचाने के लिए विभिन्न जिलों में गोदाम बनाए गए थे। गिरोह के संचालन में युवा और अनुभवी सदस्य दोनों शामिल थे, जिन्होंने तस्करी की योजना पहले से बना रखी थी।
पुलिस ने यह भी बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से कई डिजिटल साक्ष्य और दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो इस गिरोह की विस्तृत जानकारी देने में सहायक होंगे। अधिकारियों का कहना है कि इन साक्ष्यों की मदद से आगे और भी गिरोह के सदस्य पकड़े जा सकते हैं और भविष्य में ऐसे अपराध को रोका जा सकता है।
एसटीएफ और बिहार पुलिस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अंतरराज्यीय गांजा तस्करी न केवल कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि युवाओं और समाज पर भी इसका गंभीर असर पड़ता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें।
क्राइम विशेषज्ञों का मानना है कि उड़ीसा, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे सीमावर्ती राज्यों में इस तरह की तस्करी की घटनाएं बढ़ रही हैं। यह गिरोह अपने संचालन में बहुत ही चतुर और सक्रिय था, लेकिन पुलिस और एसटीएफ की सतर्कता ने इसे नाकाम कर दिया।
स्थानीय लोगों ने भी इस कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की तस्करी युवाओं और समाज को प्रभावित करती है और इससे अपराध और हिंसा के मामलों में वृद्धि होती है। इस भंडाफोड़ ने न केवल तस्करी के कारोबार को ठप्प किया है, बल्कि लोगों को भी चेतावनी दी है कि कानून और प्रशासन सतर्क हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में इस तरह की अंतरराज्यीय तस्करी को रोकने के लिए राज्यों को साझा रणनीति अपनानी होगी। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान और निगरानी बढ़ानी होगी। इससे न केवल तस्करी पर अंकुश लगेगा, बल्कि युवाओं को भी नशीले पदार्थों से दूर रखा जा सकेगा।
संक्षेप में कहा जाए तो उड़ीसा से यूपी-बिहार तक चल रही गांजा तस्करी का भंडाफोड़ कर एसटीएफ और बिहार पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। 684 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया, तीन आरोपी गिरफ्तार हुए और भविष्य में इस तरह की अपराध गतिविधियों को रोकने का संदेश गया। यह कार्रवाई कानून व्यवस्था बनाए रखने और समाज को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण साबित हुई है।