




केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ अफ्रीकी नेता रैला ओडिंगा का बुधवार सुबह केरल के एर्नाकुलम जिले के कोठट्टुकुलम में निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे।
उनके निधन की वजह कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) बताई जा रही है, जो उन्हें सुबह की सैर के दौरान आया। वे एक आयुर्वेदिक नेत्र चिकित्सा और अनुसंधान केंद्र में इलाज के लिए भारत आए थे।
रैला ओडिंगा पिछले कुछ समय से Sreedhareeyam Ayurvedic Eye Hospital and Research Centre, कोठट्टुकुलम, एर्नाकुलम में इलाज करवा रहे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, वे वहां नेत्र रोग और स्वास्थ्य पुनर्वास के लिए भर्ती थे।
उनकी बेटी रोज़मेरी ओडिंगा भी पहले इसी अस्पताल में इलाज करवा चुकी थीं और उन्होंने सार्वजनिक रूप से केरल की आयुर्वेद चिकित्सा की सराहना की थी।
बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे, रैला ओडिंगा नियमित रूप से परिसर में सैर कर रहे थे। तभी अचानक वे गिर पड़े और अचेत हो गए। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उन्हें तुरंत मेडिकल टीम द्वारा देखा गया और बाद में पास के अस्पताल ले जाया गया।
हालांकि, सुबह 9:52 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से हृदयाघात (cardiac arrest) का मामला था।
रैला ओडिंगा सिर्फ केन्या ही नहीं, बल्कि पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में लोकतंत्र और विपक्ष की आवाज़ माने जाते रहे हैं। वे केन्या के प्रधानमंत्री (2008–2013) के पद पर रहे और पांच बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, उन्हें कभी जीत नहीं मिली।
उनकी राजनीति में हमेशा लोकतंत्र, पारदर्शिता और चुनावी सुधार जैसे मुद्दे केंद्र में रहे। 2007 के चुनावों के बाद हुए हिंसक संघर्ष और 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति उहुरु केन्याटा से “हैंडशेक समझौता” करने की वजह से वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहे।
रैला ओडिंगा का भारत से एक भावनात्मक जुड़ाव रहा है। उन्होंने भारत के चिकित्सा क्षेत्र, विशेषकर आयुर्वेद के क्षेत्र में गहरी आस्था जताई थी। उनकी बेटी के नेत्रों की दृष्टि में सुधार होने के बाद उन्होंने कहा था,
“भारत में हमें जो आयुर्वेदिक चिकित्सा अनुभव मिला, वह हमारी उम्मीदों से कहीं बेहतर था।”
भारत आने से पहले भी वे कई बार भारतीय नेताओं के साथ कूटनीतिक संबंधों में शामिल रहे हैं। भारत–अफ्रीका फोरम, वैश्विक दक्षिण सहयोग और व्यापारिक संबंधों को लेकर उन्होंने हमेशा भारत का समर्थन किया।
रैला ओडिंगा के निधन की खबर आने के बाद, केन्या की सरकार ने अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स ने रायटर, न्यूजड्रम, और अफ्रीका के स्थानीय मीडिया के हवाले से इसकी पुष्टि की है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से भी अब तक कोई औपचारिक शोक वक्तव्य जारी नहीं किया गया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार इस दुखद घटना पर जल्द ही बयान देगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, केरल प्रशासन रैला ओडिंगा के शव को विशेष विमान से केन्या भिजवाने की प्रक्रिया में जुटा है। केन्याई दूतावास से संपर्क कर लिया गया है और दूतावास अधिकारियों केरल पहुंच रहे हैं।
हॉस्पिटल प्रशासन ने बताया कि ओडिंगा की मौत “प्राकृतिक कारणों” से हुई है, और पोस्टमॉर्टम की आवश्यकता नहीं है, हालांकि सभी दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
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अफ्रीकी यूनियन और पूर्व राष्ट्राध्यक्षों ने सोशल मीडिया पर रैला ओडिंगा को श्रद्धांजलि दी है।
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कई नेताओं ने उन्हें “अफ्रीका की अंतरात्मा” कहा है।
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नाइजीरिया, घाना, दक्षिण अफ्रीका और यूगांडा के शीर्ष नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
रैला ओडिंगा का निधन केवल केन्या की राजनीति में नहीं, बल्कि पूरी अफ्रीकी लोकतांत्रिक धारा में एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने सत्ता के बिना भी प्रभावशाली नेतृत्व प्रदान किया।