




श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमारासुरिया कल यानी 16 अक्टूबर को नई दिल्ली के आधिकारिक दौरे पर पहुंचेंगी। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दक्षिण एशिया में कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो रही हैं, और श्रीलंका भारत तथा चीन — दोनों के साथ अपने संबंधों को संतुलन में लाने की कोशिश कर रहा है।
इस दौरे में प्रधानमंत्री अमारासुरिया भारत के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगी, व्यापारिक प्रतिनिधियों से संवाद करेंगी और NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में हिस्सा लेंगी। उनका यह दौरा चीन में आयोजित ‘Global Leaders’ Meeting on Women 2025’ में भाग लेने के तुरंत बाद हो रहा है, जहाँ उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्यांग से मुलाकात की थी।
श्रीलंका और भारत के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक संबंध सदियों पुराने हैं। हालांकि हाल के वर्षों में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच कुछ तनाव देखने को मिले थे, लेकिन श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री के इस दौरे को संबंधों को पुनर्स्थापित करने और रणनीतिक विश्वास बहाल करने के तौर पर देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री अमारासुरिया ने एक बयान में कहा:
“भारत के साथ हमारा संबंध केवल रणनीतिक साझेदारी नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और भावनात्मक जुड़ाव का विषय है। मैं इस दौरे को दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने के अवसर के रूप में देखती हूँ।”
प्रधानमंत्री हरिनी अमारासुरिया की इस यात्रा में कई महत्वपूर्ण बैठकें और कार्यक्रम शामिल हैं:
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक
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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से कूटनीतिक चर्चा
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NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में भाषण और पैनल चर्चा
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भारत के उद्योगपतियों और निवेशकों से संवाद
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भारतीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों से साझेदारी को लेकर चर्चा
हरिनी अमारासुरिया का भारत से व्यक्तिगत जुड़ाव भी उल्लेखनीय है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज की पूर्व छात्रा रही हैं और समाजशास्त्र में शिक्षा प्राप्त की है। अपने एक पुराने साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि भारत ने उनके सोचने और नेतृत्व करने की शैली को गहराई से प्रभावित किया है।
वे अपने दौरे के दौरान हिंदू कॉलेज का भी दौरा कर सकती हैं, जहाँ वे विद्यार्थियों और प्रोफेसरों से संवाद करेंगी।
दिल्ली में आयोजित NDTV World Summit 2025 में हरिनी अमारासुरिया एक मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेंगी। इस वर्ष समिट का विषय है —
“Edge of the Unknown: Risk. Resolve. Renewal.”
इस समिट में वैश्विक नेता, नीति निर्माता, कारोबारी और विचारक भाग ले रहे हैं। श्रीलंका की प्रधानमंत्री इस मंच से दक्षिण एशिया में महिलाओं के नेतृत्व, आर्थिक पुनर्निर्माण, और शांति एवं सहयोग जैसे विषयों पर अपने विचार साझा करेंगी।
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच निम्नलिखित क्षेत्रों में समझौते या संयुक्त घोषणाएँ हो सकती हैं:
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व्यापार और निवेश सहयोग: भारत पहले से ही श्रीलंका का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। श्रीलंका अब भारतीय निजी क्षेत्र को और आमंत्रित करना चाहता है।
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डिजिटल कनेक्टिविटी और तकनीकी सहयोग
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पर्यटन और सांस्कृतिक साझेदारी
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समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग: विशेषकर हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी और नौवहन सुरक्षा को लेकर।
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शिक्षा और छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम
हरिनी अमारासुरिया की यह भारत यात्रा ठीक उस समय हो रही है जब उन्होंने हाल ही में चीन का आधिकारिक दौरा पूरा किया है। चीन में उन्होंने महिला नेतृत्व पर वैश्विक सम्मेलन में भाग लिया और शी जिनपिंग से मुलाकात की।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह द्विपक्षीय संतुलन साधने की कूटनीतिक रणनीति हो सकती है, जिससे श्रीलंका यह स्पष्ट कर सके कि वह भारत और चीन दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने का इच्छुक है।
हरिनी अमारासुरिया की भारत यात्रा दक्षिण एशिया की कूटनीतिक हलचलों के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह दर्शाता है कि श्रीलंका, भारत के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को फिर से प्रगाढ़ करना चाहता है। यह यात्रा केवल भाषणों और औपचारिकताओं की नहीं, बल्कि सार्थक साझेदारी और स्थायी सहयोग की ओर एक ठोस प्रयास है।