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    अशोक लेलैंड को मिला बड़ा ऑर्डर: तमिलनाडु सरकार ने दी 1,937 बसों की खरीद मंजूरी, कंपनी के शेयरों में दिखी तेजी

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    चेन्नई। देश की अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) ने एक बार फिर ऑटोमोबाइल सेक्टर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। हिंदूजा ग्रुप के स्वामित्व वाली इस दिग्गज कंपनी को तमिलनाडु सरकार के सार्वजनिक परिवहन उपक्रमों से 1,937 नई बसों का बड़ा ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर कंपनी के लिए न केवल राजस्व के लिहाज से अहम है, बल्कि इसके जरिए सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में अशोक लेलैंड की तकनीकी दक्षता और विश्वसनीयता को भी बल मिला है।

    अशोक लेलैंड ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया कि यह ऑर्डर तमिलनाडु सरकार की विभिन्न परिवहन निगमों से मिला है। इन बसों का निर्माण कंपनी की तमिलनाडु स्थित अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में किया जाएगा। कंपनी ने बताया कि यह सभी बसें आने वाले महीनों में तैयार होकर राज्य सरकार को सौंप दी जाएंगी।

    इन बसों का उपयोग शहरी परिवहन, इंटरसिटी (शहरों के बीच) यात्राओं और एक्सप्रेस बस सेवाओं में किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह नई पीढ़ी की बसें यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होंगी। इनमें अत्याधुनिक इंजन तकनीक, बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम और ईंधन दक्षता को ध्यान में रखते हुए नई डिजाइन तैयार की गई है।

    अशोक लेलैंड के प्रबंध निदेशक और सीईओ शेनन सी. ने इस उपलब्धि पर कहा, “यह ऑर्डर हमारे लिए गर्व की बात है। तमिलनाडु हमारे लिए सिर्फ एक बाजार नहीं बल्कि घर जैसा राज्य है। हमें गर्व है कि हम राज्य के सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र के आधुनिकीकरण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि कंपनी लगातार सरकारों और परिवहन निगमों के साथ मिलकर पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ परिवहन समाधान देने की दिशा में काम कर रही है।

    कंपनी के अनुसार, इन बसों में से अधिकांश डिजल-हाइब्रिड इंजन तकनीक पर आधारित होंगी, जबकि कुछ मॉडलों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक वेरिएंट्स को भी शामिल किया जा सकता है। तमिलनाडु सरकार ने हाल के वर्षों में अपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेड़े को आधुनिक और हरित बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। अशोक लेलैंड की ये नई बसें उसी विजन का हिस्सा हैं।

    ऑर्डर मिलने की घोषणा के बाद शेयर बाजार में भी कंपनी के स्टॉक पर सकारात्मक असर देखा गया। अशोक लेलैंड के शेयरों में शुक्रवार को 3.5% की तेजी दर्ज की गई, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। मार्केट विश्लेषकों का मानना है कि इस ऑर्डर से कंपनी की तिमाही आय में उल्लेखनीय सुधार होगा और आगे भी सरकारी उपक्रमों से ऐसे बड़े प्रोजेक्ट मिलने की संभावना है।

    तमिलनाडु स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (TNSTC) और मेट्रो ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (MTC) की योजना है कि नई बसों के आने से राज्य के विभिन्न जिलों में बस सेवाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता में सुधार होगा। इन नई बसों से न केवल यात्रियों को आराम मिलेगा, बल्कि ड्राइवरों और कंडक्टरों के कार्य वातावरण में भी सुधार होगा।

    अशोक लेलैंड की बसें भारत ही नहीं, बल्कि एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व के कई देशों में भी निर्यात की जाती हैं। कंपनी का कहना है कि वह आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेगमेंट पर भी बड़ा निवेश करने जा रही है। इसके तहत “Switch Mobility” ब्रांड के तहत इलेक्ट्रिक बसों का निर्माण किया जा रहा है।

    कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, इस नए ऑर्डर के जरिए “Make in India” पहल को भी बल मिलेगा क्योंकि बसों का निर्माण पूरी तरह देश में किया जाएगा और स्थानीय श्रमिकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। तमिलनाडु में कंपनी की कई यूनिट्स पहले से ही हजारों लोगों को रोजगार दे रही हैं। इस ऑर्डर से स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी नई गति आने की उम्मीद है।

    वित्तीय विश्लेषकों के मुताबिक, सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए आने वाले महीनों में और भी राज्य सरकारें नई बसों की खरीद पर ध्यान दे सकती हैं। अशोक लेलैंड पहले से ही कई राज्यों के साथ समझौते की प्रक्रिया में है, जिससे आने वाले समय में और बड़े ऑर्डर मिलने की संभावना बनी हुई है।

    कंपनी ने कहा कि उनका फोकस अब केवल वाहन उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि वह “इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सॉल्यूशंस” की दिशा में काम कर रही है। इसका उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित, किफायती और टिकाऊ परिवहन सुविधा प्रदान करना है।

    तमिलनाडु सरकार के इस फैसले से राज्य के नागरिकों को जल्द ही नई बस सेवाओं का लाभ मिलेगा, वहीं अशोक लेलैंड के लिए यह सौदा उसके विस्तार और विश्वसनीयता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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