




कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए ताजा आरोप को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखा पलटवार किया है। राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डरे हुए हैं” और भारत की विदेश नीति अब दबाव में चल रही है। इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी है, जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस नेता पर करारा जवाब दिया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘बेतुका और बचकाना’ बताते हुए कहा कि, “यह मोदी का भारत है, जहां देश हित सर्वोपरि है और किसी विदेशी ताकत के दबाव में कोई फैसला नहीं लिया जाता।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि आज भारत उस दौर में नहीं है जब विदेश नीति किसी पश्चिमी देश की मर्जी पर चलती थी।
अमित मालवीय ने अपने आधिकारिक X (ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “यह मोदी का भारत है, राजीव या नेहरू का नहीं। अब भारत किसी की कठपुतली नहीं रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि भारत अब ‘टेक्स्टबुक डिप्लोमेसी’ से आगे निकल चुका है। आज भारत अपने दम पर वैश्विक मंच पर निर्णय लेने की क्षमता रखता है।”
भाजपा नेता ने यह भी जोड़ा कि राहुल गांधी को विदेशों में जाकर अपने देश की छवि धूमिल करना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल का यह बयान भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला है। “राहुल गांधी बार-बार विदेशी मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी और भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली पर सवाल उठाते हैं। यह केवल राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि राष्ट्र के खिलाफ बोलने जैसा है,” मालवीय ने कहा।
वहीं, कांग्रेस ने भाजपा की इस प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार लोकतंत्र की आवाज को दबाने में लगी हुई है। पार्टी के प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “राहुल गांधी ने जो कहा, वह जनता की आवाज है। प्रधानमंत्री मोदी केवल अपने प्रचार और छवि को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आज भारत की विदेश नीति पहले जैसी स्वतंत्र नहीं रह गई है।”
कांग्रेस ने भाजपा पर ‘झूठी राष्ट्रभक्ति’ दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष की हर आलोचना को देशविरोधी बताना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “बीजेपी सरकार यह भूल जाती है कि सवाल उठाना लोकतंत्र की पहचान है, कमजोरी नहीं।”
राहुल गांधी ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति कमजोर पड़ गई है। उन्होंने कहा, “मोदी जी अमेरिकी नेताओं से डरते हैं। जब ट्रंप भारत आए थे, तब मोदी ने उन्हें ‘दीदी जी, दीदी जी’ कहकर खुश करने की कोशिश की। यह भारत के लिए शर्मनाक था।”
राहुल के इस बयान को भाजपा ने ‘नीतिगत भ्रम’ करार दिया। अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए कहा कि जब राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने अमेरिका की नीतियों के सामने झुकने का इतिहास बनाया था। मालवीय ने लिखा, “राहुल गांधी को याद दिला दूं कि उनके पिता राजीव गांधी ने उस दौर में कई बार विदेशी ताकतों के दबाव में फैसले लिए थे, लेकिन नरेंद्र मोदी के भारत में ऐसा नहीं हो सकता। अब भारत किसी के सामने झुकने वाला नहीं, बल्कि नेतृत्व करने वाला देश है।”
बीजेपी नेताओं ने लगातार यह दावा किया है कि “मोदी का भारत” अब वैश्विक शक्ति बन चुका है। पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख को नई ऊंचाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान हुए समझौतों और रक्षा सहयोग को भाजपा ने भारत की कूटनीतिक सफलता बताया है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “कांग्रेस का दौर बीत चुका है, जब भारत ‘नॉन-अलाइनमेंट’ के नाम पर निष्क्रिय रहता था। आज भारत रूस और अमेरिका दोनों से बराबर की बात करता है। यह बदलाव मोदी की विदेश नीति की देन है।”
वहीं, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राहुल गांधी और भाजपा के बीच यह जुबानी जंग केवल 2024 के चुनावी माहौल की झलक है। राजनीतिक विशेषज्ञ संजय झा कहते हैं, “राहुल गांधी का बयान विपक्ष की रणनीति का हिस्सा है, ताकि मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े किए जा सकें। लेकिन भाजपा इसे राष्ट्रवाद की ढाल बनाकर पलटवार करने में सफल रही है।”
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी और भाजपा दोनों ही ट्रेंड में रहे। ‘#ModisIndia’ और ‘#RahuLGandhi’ हैशटैग घंटों तक X (ट्विटर) पर ट्रेंड करते रहे। कई यूजर्स ने राहुल गांधी के बयान को “अविवेकपूर्ण” बताया तो कुछ ने कहा कि “विपक्ष को भी सरकार से सवाल पूछने का अधिकार है।”