




मुंबई के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज ने इतिहास रचते हुए 156 साल में पहली बार एक महिला को प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया है। इस सम्मानित पद पर माइक्रोबायोलॉजिस्ट करुणा गोकार्ण ने कार्यभार संभाला। यह खबर न केवल कॉलेज के अंदर बल्कि पूरे शैक्षणिक समुदाय में खुशी और गर्व की लहर बना रही है।
सेंट जेवियर्स कॉलेज, जिसकी स्थापना 1869 में हुई थी, भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक है। कॉलेज ने हमेशा उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए अपनी पहचान बनाई है। इस ऐतिहासिक बदलाव के साथ अब कॉलेज ने यह संदेश दिया है कि शिक्षा जगत में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना पुरुषों की।
करुणा गोकार्ण एक प्रसिद्ध माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने विज्ञान और शोध के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनके नेतृत्व में कॉलेज में न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है, बल्कि छात्रों के लिए नए अवसर भी खुलेंगे।
करुणा गोकार्ण ने कहा, “सेंट जेवियर्स कॉलेज मेरे लिए सिर्फ एक संस्थान नहीं, बल्कि एक परिवार है। मैं इस प्रतिष्ठित कॉलेज को और आगे ले जाने के लिए पूरी मेहनत करूंगी। मेरा प्रयास रहेगा कि शिक्षा, नवाचार और छात्रों का सर्वांगीण विकास प्राथमिकता में रहे।”
छात्रों और शिक्षकों में करुणा गोकार्ण की नियुक्ति को लेकर उत्साह और प्रसन्नता देखने को मिली। छात्रों ने सोशल मीडिया पर इस ऐतिहासिक पल की सराहना की और कहा कि यह महिलाओं के लिए प्रेरणादायक कदम है।
प्राचार्य के रूप में करुणा गोकार्ण के आने से छात्रों को नई सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। शिक्षकों का भी कहना है कि उनका नेतृत्व कॉलेज की शैक्षणिक नीतियों और अनुसंधान गतिविधियों में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
सेंट जेवियर्स कॉलेज ने भारतीय शिक्षा जगत में हमेशा ही अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखी है। यहाँ से कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, लेखक, राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता निकले हैं। करुणा गोकार्ण के नेतृत्व में कॉलेज नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है।
कॉलेज का प्रशासन और अलुमनी नेटवर्क भी इस निर्णय को लेकर उत्साहित है। उनका मानना है कि महिला नेतृत्व से संस्थान में समावेशिता और समान अवसरों की भावना और मजबूत होगी।
शिक्षा जगत में महिलाओं का नेतृत्व लगातार बढ़ रहा है, लेकिन ऐसे प्रतिष्ठित संस्थानों में यह कदम विशेष महत्व रखता है। करुणा गोकार्ण का चयन दिखाता है कि शिक्षा में लिंग समानता और नेतृत्व की क्षमता को मान्यता मिल रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि महिला प्रिंसिपल की नियुक्ति कॉलेज के शैक्षणिक वातावरण, शोध गतिविधियों और छात्र सशक्तिकरण पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। यह कदम अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी प्रेरणादायक साबित होगा।
करुणा गोकार्ण ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि कॉलेज में इनोवेशन, रिसर्च और छात्रों के करियर विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा, डिजिटल शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
उनका कहना है कि छात्रों की सृजनात्मक सोच, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए कई नए प्रोजेक्ट और कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।