




तमिलनाडु सरकार ने इस वर्ष दीपावली के दौरान पटाखों के प्रयोग को लेकर स्पष्ट समय सीमा और दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना, वायु और ध्वनि प्रदूषण को सीमित करना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पटाखे केवल दो विशेष समयावधियों में फोड़े जा सकते हैं:
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सुबह 6:00 बजे से 7:00 बजे तक
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शाम 7:00 बजे से 8:00 बजे तक
इन समयों के अतिरिक्त किसी भी अन्य समय पर पटाखों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा और ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (TNPCB) ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे केवल हरित पटाखों (Green Crackers) का ही उपयोग करें। ये पटाखे पर्यावरण के लिए अपेक्षाकृत कम हानिकारक होते हैं और इनमें:
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कम ध्वनि प्रदूषण होता है (डेसिबल स्तर सीमित होता है)
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कम हानिकारक रसायन होते हैं
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कम धुंआ और गैसें उत्पन्न होती हैं
सरकार ने यह भी कहा कि केवल उन्हीं पटाखों को बेचा जाए जिन पर NEERI (राष्ट्रीय पर्यावरण अभियंत्रण अनुसंधान संस्थान) या CSIR की मंजूरी हो।
नए नियमों के अनुसार, निम्नलिखित स्थानों के 100 मीटर के दायरे में पटाखे फोड़ना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा:
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अस्पताल
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शिक्षण संस्थान
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धार्मिक स्थल
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न्यायालय
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वृद्धाश्रम
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पेट्रोल पंप
इसके अलावा, श्रृंखलाबद्ध पटाखे (series crackers), अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखे, और गैर-प्रमाणित या अवैध पटाखे प्रतिबंधित रहेंगे।
यदि कोई सामाजिक संस्था, स्कूल, RWA (रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशन), या क्लब सामूहिक रूप से पटाखों का आयोजन करना चाहते हैं, तो उन्हें स्थानीय निकाय या जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
पटाखों की बिक्री के लिए दुकानों को अस्थायी लाइसेंस जारी किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल अधिकृत विक्रेता ही पटाखे बेच सकें।
प्रशासन ने जिला कलेक्टरों, पुलिस अधिकारियों और नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे:
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पटाखा विक्रेताओं पर निगरानी रखें
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बिना लाइसेंस वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करें
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निर्धारित समय से बाहर पटाखे फोड़ने वालों पर जुर्माना लगाएं
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अवैध पटाखों की जब्ती करें
इसके अतिरिक्त, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस सेवा, और पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
सरकार ने नागरिकों को सुरक्षित तरीके से पटाखे फोड़ने की सलाह दी है:
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बच्चों को पटाखे फोड़ते समय वयस्कों की निगरानी हो
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सूती कपड़े पहनें और सिंथेटिक कपड़ों से बचें
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पानी और बाल्टी पास रखें
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खुले स्थानों पर ही पटाखे फोड़ें
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आंखों और कानों की सुरक्षा के लिए चश्मे और इयरप्लग्स का प्रयोग करें
सरकार और पर्यावरण विभाग ने स्कूलों, कॉलेजों, सोशल मीडिया और टीवी चैनलों के माध्यम से “सुरक्षित और हरित दीपावली” को लेकर जन जागरूकता अभियान शुरू किया है। छात्रों को विशेष रूप से पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
तमिलनाडु सरकार का यह कदम एक सकारात्मक प्रयास है जो पर्यावरण संरक्षण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में संकेत करता है। दीपावली के इस पावन पर्व को उल्लासपूर्वक मनाने के साथ-साथ हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम:
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पर्यावरण का सम्मान करें
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दूसरों के स्वास्थ्य को नुकसान न पहुँचाएँ
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सरकार द्वारा तय दिशा-निर्देशों का पालन करें
इस बार दीपावली पर रोशनी तो हो, लेकिन धुएं और शोर से नहीं — जिम्मेदार नागरिक बनें और हरित दीपावली मनाएं।