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    मध्य प्रदेश के उमरिया में गरीबों का 5100 क्विंटल गेहूं खराब, घुन और कीड़े लगे – वेयर हाउस मालिक से हरजाना वसूली की तैयारी

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    उमरिया, मध्य प्रदेश। प्रदेश के उमरिया जिले में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसने गरीब किसानों और आम जनता को चिंता में डाल दिया है। जिले में गरीबों का लगभग 5100 क्विंटल गेहूं पूरी तरह से खराब हो गया है। स्थानीय प्रशासन और सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस गेहूं में घुन और कीड़े लग गए हैं, जिससे यह खाने योग्य नहीं रह गया।

    जानकारी के अनुसार, यह गेहूं सरकारी योजना के तहत गरीबों के लिए संग्रहित किया गया था। लेकिन उचित स्टोरेज न होने और निरीक्षण में लापरवाही के कारण यह अनाज खराब हो गया। इस गेहूं में कीड़े लगने और घुन पैदा होने की वजह से अब इसे पीसकर आटा भी नहीं बनाया जा सकता। परिणामस्वरूप गरीबों को मिलने वाला राशन संकट में पड़ गया है।

    स्थानीय प्रशासन और खाद्य विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि वे वेयर हाउस मालिक से हरजाना वसूलने की प्रक्रिया शुरू करेंगे, ताकि गरीबों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके। अधिकारियों का कहना है कि स्टोरेज की अनदेखी और रखरखाव की कमी सीधे तौर पर वेयरहाउस मालिक की जिम्मेदारी है।

    एक अधिकारी ने बताया, “हम जल्द ही जांच पूरी कर रहे हैं। अगर जांच में पुष्टि होती है कि गेहूं खराब होने में वेयर हाउस की लापरवाही की वजह से हुई है, तो हरजाना वसूला जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि गरीबों को उनका हक मिल सके।”

    जांचकर्ताओं के अनुसार, खराब गेहूं में कीड़े और घुन इतनी मात्रा में हैं कि यह संपूर्ण रूप से नष्ट हो चुका है। यह गेहूं गरीब परिवारों को वितरित किया जाना था। यदि समय रहते इसकी देखभाल होती, तो इसे बचाया जा सकता था। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे लंबे समय से इस स्टोरेज की स्थिति के बारे में शिकायत कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    एक ग्रामीण ने कहा, “हमने कई बार प्रशासन को बताया कि वेयर हाउस में गेहूं सुरक्षित नहीं रखा गया है। अब इसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। यह बहुत दुखद है।”

    खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने इस मामले में विशेष जांच टीम गठित की है। टीम यह पता लगाएगी कि खराब होने के पीछे किसकी लापरवाही जिम्मेदार है। वेयर हाउस मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।

    विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए अनाज की नियमित जांच और रखरखाव अनिवार्य है। यदि सही समय पर निरीक्षण और मॉनिटरिंग की जाती, तो 5100 क्विंटल गेहूं खराब नहीं होता।

    इस अनाज के खराब होने से सीधे तौर पर गरीब और जरूरतमंद परिवार प्रभावित हुए हैं। सरकारी योजना के तहत यह गेहूं इन्हें मुफ्त में उपलब्ध कराया जाना था। अब यह अनाज नष्ट होने से गरीबों को राशन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

    स्थानीय अधिकारी यह भरोसा दिला रहे हैं कि हरजाना वसूली और नया अनाज वितरण शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गरीबों को कोई आर्थिक नुकसान न पहुंचे।

    मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने इस मामले में तुरंत संज्ञान लिया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि स्टोरेज और वितरण प्रणाली की समीक्षा की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। साथ ही वेयर हाउस मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें नुकसान की भरपाई करने के लिए बाध्य किया जाएगा।

    मंत्री ने यह भी कहा कि गरीबों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और उनके लिए राशन वितरण को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

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