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    कड़ी बातचीत के बाद महागठबंधन ने बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारा तय किया

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    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख से कुछ ही घंटे पहले, महागठबंधन ने अपनी सीट बंटवारे की बातचीत को अंतिम रूप दिया। यह फैसला कड़ी बातचीत और कई दौर की परामर्श के बाद आया है। गठबंधन के प्रमुख दलों में विकासशील इंसान पार्टी (VIP), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, और CPI(ML) शामिल हैं, जिनके बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कई दिनों से खींचतान चल रही थी।

    विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने सीटों के बंटवारे को लेकर सख्त रुख अपनाया था। उन्होंने पार्टी के लिए कम से कम 15 सीटें मांगी थीं। सहनी की यह मांग कई बार बातचीत को तनावपूर्ण बनाती रही, लेकिन अंततः सभी पक्षों ने समझौता किया।

    राजद, जो महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है, ने भी सीटों के बंटवारे में अपना दबदबा बनाए रखा। पार्टी ने लगभग 120 सीटों की मांग की और इस पर कायम रही। राजद की इस मांग के चलते बाकी सहयोगी दलों को अपने हिस्से के लिए समझौता करना पड़ा।

    कांग्रेस और CPI(ML) ने इस जटिल परिस्थितियों में शांति बनाए रखने का काम किया। दोनों दलों ने अन्य दलों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की ताकि गठबंधन मजबूत रहे। कांग्रेस ने पहले और दूसरे चरण के लिए कुल 48 उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है।

    सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन में सीटों का बंटवारा इस प्रकार तय हुआ है:

    • राजद: लगभग 120 सीटें

    • विकासशील इंसान पार्टी: लगभग 15 सीटें

    • कांग्रेस: 48 सीटें (पहले और दूसरे चरण के लिए)

    • CPI(ML) और अन्य छोटे दल: शेष सीटें

    इस बंटवारे को बिहार के विभिन्न हिस्सों के राजनीतिक समीकरणों के अनुरूप तैयार किया गया है ताकि प्रत्येक दल अपने मजबूत इलाकों से चुनाव लड़ सके।

    महागठबंधन के नेता मानते हैं कि यह सीट बंटवारा गठबंधन को मजबूत करेगा और भाजपा व उसके सहयोगी दलों के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने में मदद करेगा। सभी दल अब अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाएंगे और जनता के बीच जाकर विकास, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे जैसे प्रमुख विषयों पर चुनावी अभियान चलाएंगे।

    राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा,

    “हमारा मकसद है बिहार के विकास को गति देना और जनता के हित में काम करना। यह गठबंधन हमारे लिए एक मजबूत ताकत साबित होगा।”

    राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महागठबंधन का यह समझौता बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। हालांकि गठबंधन को चुनावी जीत के लिए अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना होगा और स्थानीय स्तर पर मजबूती दिखानी होगी।

    बिहार चुनाव न केवल राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेगा, बल्कि देश के राजनीतिक समीकरणों पर भी असर डालेगा। महागठबंधन की कोशिश है कि वह राज्य में भाजपा को कड़ी टक्कर दे और सत्ता में वापसी करे।

    लंबे और थकाऊ वार्तालाप के बाद महागठबंधन ने बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारे का मसला सुलझा लिया है। विकासशील इंसान पार्टी की सख्त मांगों और राजद की जिद के बीच कांग्रेस और CPI(ML) की मध्यस्थता ने गठबंधन को एकजुट रखा। अब यह गठबंधन बिहार के लोगों के बीच जाकर अपनी नीतियों और एजेंडे को लेकर चुनाव लड़ने को तैयार है।

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