




अयोध्या, जो भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध है, इस दिवाली और दीपोत्सव के अवसर पर फिर से अपनी भव्यता और गौरव को प्रदर्शित करने जा रहा है। इस वर्ष अयोध्या दीपोत्सव का आयोजन पहले से भी अधिक भव्य रूप में होगा। 56 घाटों पर लगभग 26 लाख दीयों की जगमगाहट से पूरे शहर को रौशन किया जाएगा। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए दर्शनीय होगा, बल्कि शहर की संस्कृति, धर्म और तकनीक का अद्भुत संगम भी प्रदर्शित करेगा।
दीपोत्सव की तैयारियों के लिए शहरभर में 33 हजार वॉलंटियर्स लगे हुए हैं, जो घाटों की सजावट, दीयों की व्यवस्था और सुरक्षा के सभी इंतजामों में जुटे हुए हैं। दीपों की रोशनी से भरा यह पर्व न केवल अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाएगा, बल्कि इसे एक पर्यटन आकर्षण के रूप में भी उभारने का काम करेगा।
घाटों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने हर घाट पर निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मियों की तैनाती की है। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरों और अन्य तकनीकी साधनों के जरिए भी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मार्गों की भी विशेष देखरेख की जा रही है, ताकि दीपोत्सव के दौरान आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या की घाटों की साज-सज्जा और दीयों की रोशनी लोगों को भव्यता का अहसास कराएगी। दीयों की जगमगाहट में तकनीक का भी योगदान रहेगा, जिसमें स्मार्ट लाइटिंग और डिजिटल ऑडियो-विजुअल प्रस्तुतियों के माध्यम से आगंतुकों को आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ दृश्य सौंदर्य का आनंद भी मिलेगा।
स्थानीय प्रशासन और आयोजकों का कहना है कि दीपोत्सव में सुरक्षा, व्यवस्था और धार्मिक भावनाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। इस वर्ष की दीपोत्सव तैयारी में श्रद्धालुओं के अलावा पर्यटकों और फोटोग्राफरों की सुविधा को भी ध्यान में रखा गया है। घाटों के आसपास पर्याप्त रोशनी, मार्गदर्शन बोर्ड और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
अयोध्या दीपोत्सव केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह शहर की संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता को भी उजागर करता है। प्रत्येक घाट पर दीयों की रोशनी और सजावट अलग-अलग थीम के अनुसार की जा रही है, जिससे आगंतुक हर घाट पर एक नया अनुभव महसूस कर सकें।