




भारतीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सही जानकारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने स्पष्ट किया है कि ओआरएस (ORS) के नाम का गलत उपयोग करने वाली फूड और बेवरेज कंपनियों के लिए अब कोई छूट नहीं होगी। सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि कोई कंपनी अपने ब्रैंड नाम या मार्केटिंग में ओआरएस शब्द का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को गुमराह करती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
FSSAI ने बताया कि कई कंपनियां अपने उत्पादों के नाम में ओआरएस शब्द का उपयोग कर उपभोक्ताओं को यह भ्रमित कर रही हैं कि उनके उत्पाद असली ओआरएस समाधान (Oral Rehydration Solution) हैं, जबकि वास्तविकता में वे सिर्फ फ्लेवर या स्वाद वाले पेय पदार्थ होते हैं। इस तरह के गलत प्रचार से न केवल उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है।
ओआरएस का सही उपयोग आमतौर पर डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने के लिए किया जाता है। सरकार का रुख साफ है कि उपभोक्ताओं को केवल वही उत्पाद इस नाम के साथ उपलब्ध होना चाहिए जो स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप हों और चिकित्सकीय रूप से सुरक्षित हों। इस दिशा में FSSAI ने कहा कि कोई भी फूड या बेवरेज कंपनी अपने प्रोडक्ट के ब्रैंड नाम में ओआरएस शब्द का प्रयोग नहीं कर सकती।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से उपभोक्ताओं में बढ़ती जागरूकता को बल मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में कई कंपनियों ने मार्केटिंग के तहत ORS शब्द का गलत उपयोग किया था। उपभोक्ता मानते थे कि यह उत्पाद स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित और चिकित्सकीय लाभ देने वाला है, जबकि यह केवल सामान्य पेय पदार्थ होते थे। अब FSSAI के स्पष्ट निर्देशों के बाद इस तरह की गुमराह करने वाली प्रथाओं पर रोक लग जाएगी।
सरकार की इस नई नीति के तहत कंपनियों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे FSSAI के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती हैं, तो उनके उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई जा सकती है और उन्हें भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, ब्रैंड नाम बदलने और विज्ञापन सामग्री में सुधार करने की जिम्मेदारी कंपनियों पर होगी।
FSSAI ने उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि वे किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले उसके लेबल और सामग्री की जानकारी अवश्य जांचें। यदि कोई कंपनी अपने उत्पाद के नाम में ORS शब्द का गलत इस्तेमाल कर रही है, तो वह तुरंत FSSAI को सूचित करें। यह कदम उपभोक्ताओं को सही और सुरक्षित विकल्प चुनने में मदद करेगा।
कंपनियों के लिए यह निर्देश चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि मार्केटिंग के लिए ओआरएस शब्द का प्रयोग पिछले वर्षों में काफी लोकप्रिय रहा है। कई ब्रैंड्स ने अपने फ्लेवर वाले पेय और इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक को ORS शब्द के साथ प्रमोट किया है। अब FSSAI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, उन्हें अपने प्रोडक्ट के नाम और विज्ञापन सामग्री में बदलाव करना होगा।
सरकार का कहना है कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली प्रथाओं पर रोक लगाना और स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। ORS उत्पादों का सही उपयोग केवल चिकित्सकीय उद्देश्य के लिए होना चाहिए, और इसके नाम का गलत उपयोग किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं होगा।