




सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के क्षेत्र में एक बड़ी खबर सामने आई है। मेटा ने घोषणा की है कि 15 दिसंबर 2025 से विंडोज और मैक पर मैसेंजर डेस्कटॉप ऐप बंद कर दिया जाएगा। इस बदलाव का असर लाखों यूजर्स पर पड़ेगा जो अपने लैपटॉप और डेस्कटॉप कंप्यूटर पर मैसेंजर का उपयोग करते हैं।
मेटा का यह कदम कंपनी के डिजिटल इकोसिस्टम में बदलाव और ऐप को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। कंपनी का कहना है कि डेस्कटॉप ऐप को बंद करने के बाद यूजर्स को मैसेंजर का अनुभव वेब ब्राउज़र या मोबाइल ऐप के माध्यम से लेना होगा।
विंडोज और मैक यूजर्स के लिए यह खबर कुछ हद तक परेशानी पैदा कर सकती है क्योंकि कई लोग कार्यस्थल या घर पर डेस्कटॉप के जरिए मैसेंजर का उपयोग करते थे। अब उन्हें अपनी बातचीत जारी रखने के लिए वैकल्पिक तरीकों पर भरोसा करना होगा। मेटा ने यह स्पष्ट किया है कि मैसेंजर के सभी चैट, मीडिया और अन्य डेटा सुरक्षित रहेंगे और यूजर्स को इसे एक्सेस करने का विकल्प मिलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा किए जाने वाले आम बदलावों का हिस्सा है। ऐप्स के अपडेट और डेस्कटॉप वर्जन को बंद करने का कारण आमतौर पर यूजर्स की बदलती प्राथमिकताएं, तकनीकी सीमाएं और मोबाइल/वेब आधारित प्लेटफॉर्म पर ध्यान केंद्रित करना होता है। मेटा का उद्देश्य यूजर्स को अधिक सरल और तेज़ अनुभव प्रदान करना है।
मेटा ने अपने बयान में कहा कि मैसेंजर का डेस्कटॉप वर्जन बंद होने के बावजूद चैट, वीडियो कॉल और ग्रुप कॉल जैसी सुविधाएं वेब और मोबाइल प्लेटफॉर्म पर बिना किसी बाधा के उपलब्ध रहेंगी। कंपनी ने यह भी बताया कि यूजर्स अपने अकाउंट में लॉग इन करके सभी चैट और मीडिया को सुरक्षित रूप से देख सकते हैं।
यूजर्स के लिए सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि उन्हें डेस्कटॉप पर अलग से ऐप इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय वे messenger.com या फेसबुक वेब ब्राउज़र के माध्यम से चैटिंग जारी रख सकते हैं। मोबाइल यूजर्स के लिए भी कोई बदलाव नहीं होगा, इसलिए उनकी सुविधा प्रभावित नहीं होगी।
टेक विश्लेषकों का कहना है कि मेटा द्वारा यह कदम भविष्य में अधिक वेब-आधारित सेवाओं और क्लाउड पर केंद्रित तकनीकी समाधान की दिशा में एक संकेत है। यह कदम कंपनी को मोबाइल और वेब प्लेटफॉर्म पर अनुभव को अधिक सुव्यवस्थित और तेज बनाने में मदद करेगा।
यूजर्स को सुझाव दिया जा रहा है कि वे 15 दिसंबर से पहले अपने आवश्यक चैट और मीडिया का बैकअप लें और वैकल्पिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से आगे का उपयोग शुरू करें। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते तैयार होने से यूजर्स किसी भी असुविधा से बच सकते हैं।
इस कदम के बाद सोशल मीडिया और मैसेंजर के उपयोग में परिवर्तन की संभावना है। कंपनियों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे नए प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रूप से लॉग इन करें और सभी डेटा की सुरक्षा बनाए रखें।