




उत्तर प्रदेश की विकास गाथा में एक और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को जब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) का उद्घाटन करेंगे, उसी दिन वे नोएडा फिल्म सिटी परियोजना का भी शिलान्यास कर सकते हैं। लंबे समय से इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का इंतजार कर रहे फिल्म जगत और स्थानीय उद्योग जगत के लिए यह खबर बड़ी राहत लेकर आई है।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में प्रस्तावित फिल्म सिटी प्रोजेक्ट, उत्तर भारत के मनोरंजन उद्योग का चेहरा बदलने वाला साबित हो सकता है। यह परियोजना करीब 230 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी और इसे मशहूर फिल्म निर्माता बोनी कपूर की कंपनी के नेतृत्व में तैयार किया जा रहा है। हाल के महीनों में इस प्रोजेक्ट को लेकर कुछ जमीन संबंधी अड़चनें सामने आई थीं, लेकिन अब सभी मंजूरियां मिल जाने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
यमुना सिटी के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि फिल्म सिटी प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी कानूनी और प्रशासनिक मंजूरियां प्राप्त हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि भूमि हस्तांतरण और पर्यावरणीय अनुमति से संबंधित सभी अड़चनें समाप्त हो चुकी हैं। अब यह प्रोजेक्ट औपचारिक रूप से शुरू किया जा सकेगा।
फिल्म सिटी प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि इसे ‘सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम’ के तहत तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा ताकि निवेशकों को किसी प्रकार की देरी या बाधा का सामना न करना पड़े। इस परियोजना में स्टूडियो कॉम्प्लेक्स, फिल्म स्कूल, पोस्ट-प्रोडक्शन हब, ओपन शूटिंग ज़ोन, मल्टीप्लेक्स, होटल, और थीम पार्क जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी।
यमुना सिटी क्षेत्र पहले से ही जेवर एयरपोर्ट, लॉजिस्टिक पार्क, इलेक्ट्रॉनिक सिटी और डाटा सेंटर जैसे प्रोजेक्ट्स से जुड़ चुका है। ऐसे में फिल्म सिटी का निर्माण इस क्षेत्र को “उत्तर भारत का ग्लोबल मीडिया हब” बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
सरकार के अधिकारियों का कहना है कि फिल्म सिटी के विकास से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही, यूपी सरकार की नीति “एक जिला, एक उत्पाद (ODOP)” की तरह अब “एक राज्य, एक फिल्म हब” का सपना भी साकार हो सकेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 2020 में इस प्रोजेक्ट का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था। योगी सरकार ने इसे अपनी “सांस्कृतिक और आर्थिक पुनर्जागरण नीति” का हिस्सा बताया था। मुख्यमंत्री ने कई बार कहा है कि उत्तर प्रदेश न केवल धार्मिक पर्यटन बल्कि फिल्म पर्यटन का भी केंद्र बनेगा।
गौरतलब है कि मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गज प्रोड्यूसर्स — जैसे सुभाष घई, मधुर भंडारकर, और बोनी कपूर — ने नोएडा फिल्म सिटी में निवेश की इच्छा जताई थी। बोनी कपूर की कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे पहले प्रस्ताव दिया था और अब वही कंपनी इस परियोजना के निर्माण की अगुवाई करेगी।
फिल्म सिटी का स्थान यमुना एक्सप्रेसवे के सेक्टर 21 में निर्धारित किया गया है, जो जेवर एयरपोर्ट से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में फिल्म निर्माताओं, कलाकारों और तकनीशियनों को अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी के साथ शूटिंग, एडिटिंग और रिलीज़ की सुविधाएं एक ही जगह मिलेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस शिलान्यास समारोह में शामिल होना इस प्रोजेक्ट की राजनीतिक और आर्थिक अहमियत को और बढ़ा देता है। यह न केवल उत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति का प्रतीक होगा, बल्कि यह पूरे उत्तर भारत के लिए एक नया अवसर लेकर आएगा।
इस फिल्म सिटी से बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के बीच सहयोग की नई संभावनाएं भी खुलेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि मुंबई की भीड़ और महंगे स्टूडियो की तुलना में नोएडा फिल्म सिटी फिल्म निर्माताओं को कम लागत में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करेगी।
फिल्म निर्माताओं के लिए यह जगह इसलिए भी आकर्षक होगी क्योंकि यहां शूटिंग के लिए विविध भौगोलिक विकल्प मौजूद हैं — यमुना के किनारे आधुनिक शहर, आगरा और मथुरा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र फिल्मों की कहानी के अनुसार विविध लोकेशन मुहैया कराएंगे।
राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल आयोजित करने की योजना भी बना रही है, ताकि भारत के अलावा विदेशों से भी फिल्मकार यहां शूटिंग के लिए आकर्षित हों। इससे पर्यटन और होटल उद्योग को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन इस क्षेत्र के विकास का प्रतीक होगा, जबकि फिल्म सिटी का शिलान्यास “संस्कृति और सिनेमा” के मेल का प्रतीक बन जाएगा।