




कांग्रेस के भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने पलटवार करते हुए कांग्रेस और गांधी परिवार पर तीखा हमला बोला है। दुबे ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि राहुल गांधी के पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी स्वीडन की एक कंपनी के एजेंट थे। उन्होंने इस आरोप के समर्थन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पुराना दस्तावेज़ साझा किया है, जिसने राजनीतिक हलचल मचा दी है।
दरअसल, कांग्रेस की ओर से हाल ही में निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा किया था कि निशिकांत दुबे की पत्नी की संपत्ति 2009 में मात्र 50 लाख रुपये थी, जो 2024 में बढ़कर लगभग 32 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। कांग्रेस ने इसे भ्रष्टाचार का नतीजा बताते हुए इस मामले की जांच की मांग की थी।
इन आरोपों के जवाब में अब निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए गांधी परिवार को निशाने पर लिया है। दुबे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “कांग्रेस मुझे भ्रष्ट कह रही है, लेकिन उनके अपने इतिहास में झांककर देखें तो उनके नेताओं के हाथ खुद कितने साफ हैं, यह सबको पता है। राहुल गांधी के पिताजी स्वीडन की कंपनी के एजेंट थे। यह कोई नया आरोप नहीं, बल्कि इतिहास का हिस्सा है।”
दुबे ने अपने पोस्ट के साथ एक पुराना अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट का दस्तावेज़ भी साझा किया है, जिसमें कथित तौर पर राजीव गांधी और स्वीडन की कंपनी के बीच संबंधों का उल्लेख किया गया है। हालांकि यह दस्तावेज़ किस वर्ष और किस संदर्भ में प्रकाशित हुआ था, इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है।
राजनीतिक गलियारों में यह बयान तेजी से चर्चा का विषय बन गया है। विपक्षी दलों ने दुबे के बयान को गैर-जिम्मेदाराना और तथ्यों से परे बताया है, वहीं भाजपा समर्थक इसे कांग्रेस पर करारा जवाब मान रहे हैं।
कांग्रेस ने निशिकांत दुबे के आरोपों को “बेतुका” बताते हुए कहा कि जब भी कोई भाजपा नेता भ्रष्टाचार या जवाबदेही के सवालों में फंसता है, तो वह ध्यान भटकाने के लिए नेहरू-गांधी परिवार पर हमला कर देता है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, “राजीव गांधी देश के शहीद प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने देश के विकास और तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भाजपा नेताओं द्वारा उनके खिलाफ इस तरह की बयानबाजी करना शर्मनाक है।”
दूसरी ओर, निशिकांत दुबे ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि कांग्रेस के पास भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किसी को सवाल करने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी बोफोर्स, नेशनल हेराल्ड, अगस्ता वेस्टलैंड जैसे कई घोटालों में फंसी रही है। ये वही लोग हैं जो दूसरों पर उंगली उठाने से पहले खुद के दाग नहीं देखते।”
यह पहला मौका नहीं है जब निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत और ऐतिहासिक स्तर पर आरोप लगाए हैं। इससे पहले भी वह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। उनके तेवरों से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि भाजपा 2024 के चुनावों के बाद भी कांग्रेस को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दुबे का यह बयान दरअसल कांग्रेस द्वारा उन पर लगाए गए व्यक्तिगत आरोपों का राजनीतिक जवाब है। कांग्रेस ने जिस तरह उनकी संपत्ति में वृद्धि को मुद्दा बनाया, दुबे ने उसी रणनीति के तहत गांधी परिवार के पुराने विवादों को उठाकर पलटवार किया है।
निशिकांत दुबे झारखंड के गोड्डा से चार बार के भाजपा सांसद हैं और संसद में अपनी तीखी बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में वे राज्य सरकार और विपक्ष पर भ्रष्टाचार के कई मुद्दों को लेकर लगातार हमलावर रहे हैं।
दुबे द्वारा साझा किए गए दस्तावेज़ की प्रामाणिकता को लेकर अब सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग इसे पुराने “बोफोर्स घोटाले” से जोड़ रहे हैं, जिसमें 1980 के दशक के उत्तरार्ध में स्वीडन की हथियार निर्माता कंपनी बोफोर्स के साथ हुए सौदे में रिश्वत के आरोप लगे थे। उस समय राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, और उस घोटाले ने कांग्रेस की छवि को गहरी चोट पहुंचाई थी।
हालांकि बोफोर्स मामले में राजीव गांधी को किसी भी अदालत ने दोषी नहीं ठहराया था, लेकिन विपक्ष ने इस मामले को वर्षों तक कांग्रेस के खिलाफ एक प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया। अब निशिकांत दुबे द्वारा उसी संदर्भ का उल्लेख करना, इस मामले को फिर से राजनीतिक विमर्श के केंद्र में ला सकता है।
सोशल मीडिया पर दुबे के इस बयान के बाद भाजपा समर्थकों ने कांग्रेस के खिलाफ कई पुराने आरोपों को दोहराना शुरू कर दिया है। वहीं, कांग्रेस नेता इसे ध्यान भटकाने की चाल बता रहे हैं।
राजनीतिक माहौल में इस बयान ने नई गर्माहट पैदा कर दी है। दोनों दलों के बीच सोशल मीडिया से लेकर संसद तक तीखी बयानबाजी की संभावना बढ़ गई है। जहां कांग्रेस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा के नेता गांधी परिवार के पुराने विवादों को उठाकर जवाब देने में जुटे हैं।
यह विवाद एक बार फिर इस बात को साबित करता है कि भारतीय राजनीति में अतीत और वर्तमान अक्सर एक-दूसरे के खिलाफ हथियार बन जाते हैं। निशिकांत दुबे के ताजा बयान ने न केवल कांग्रेस को असहज किया है, बल्कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी घमासान और तेज होने की संभावना है।