




उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रेहटी मालीपुर गांव में उस समय मातम पसर गया जब सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय राजवीर सिंह की दौड़ते समय अचानक मौत हो गई। युवा राजवीर का सपना भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का था, लेकिन दुर्भाग्यवश यह सपना अधूरा रह गया। फिटनेस ट्रेनिंग के दौरान हुए इस हादसे ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, राजवीर रोजाना सुबह जल्दी उठकर दौड़ने जाता था। वह आने वाली आर्मी भर्ती रैली की तैयारी कर रहा था और इसके लिए वह पिछले कुछ महीनों से लगातार कड़ी मेहनत कर रहा था। शनिवार सुबह भी वह अपने कुछ साथियों के साथ मैदान में दौड़ने निकला था। लगभग दो किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के बाद वह अचानक गिर पड़ा। साथी दौड़ते हुए उसके पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि राजवीर की सांसें तेज चल रही थीं और कुछ ही क्षणों में वह बेहोश हो गया।
साथियों ने तुरंत उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह हृदय गति रुकने (कार्डियक अरेस्ट) का मामला प्रतीत हो रहा है। हालांकि, पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है ताकि मौत के सटीक कारणों का पता चल सके।
राजवीर के पिता एक किसान हैं, और वह अपने परिवार में सबसे बड़ा बेटा था। उसकी मौत की खबर सुनते ही गांव में कोहराम मच गया। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार और ग्रामीणों के अनुसार, राजवीर बचपन से ही भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का सपना देखता था। वह हर दिन सुबह 4 बजे उठकर दौड़ लगाता था, पुश-अप्स करता था, और अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान देता था।
गांव के लोगों ने बताया कि राजवीर बहुत ही मिलनसार और अनुशासित युवक था। उसने हाल ही में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी और अब पूरा ध्यान सेना की तैयारी पर लगा रखा था। उसके दोस्तों का कहना है कि वह भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट को लेकर काफी उत्साहित था। “वह कहता था कि इस बार किसी भी हालत में चयन करवाना है,” उसके साथी ने भावुक स्वर में कहा।
स्थानीय लोगों के अनुसार, राजवीर को किसी तरह की बीमारी नहीं थी और वह पूरी तरह स्वस्थ था। ऐसे में दौड़ते समय उसकी अचानक मौत ने सभी को झकझोर दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि अक्सर युवा बिना चिकित्सकीय जांच के अत्यधिक शारीरिक मेहनत करते हैं, जिससे हृदय पर दबाव बढ़ जाता है और अचानक कार्डियक अरेस्ट की स्थिति बन जाती है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला दौड़ते समय अत्यधिक थकान या हृदयगति रुकने का लग रहा है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि मौत का कारण क्या था।
इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग शोक जता रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि “देश की सेवा का सपना देखने वाला एक और युवा अब नहीं रहा। यह हमारे समाज के लिए बड़ी क्षति है।” वहीं, कुछ लोगों ने सरकार और सेना भर्ती बोर्ड से मांग की है कि ऐसे युवाओं की तैयारी के दौरान मेडिकल फिटनेस जांच को अनिवार्य और नियमित किया जाए ताकि इस तरह के हादसे टाले जा सकें।
गाजीपुर जिले में यह पहली बार नहीं है जब किसी युवा की सेना की तैयारी के दौरान मौत हुई हो। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें लगातार दौड़ या अभ्यास के दौरान युवाओं की तबीयत बिगड़ गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि शारीरिक फिटनेस की तैयारी के साथ-साथ मेडिकल सुपरविजन भी जरूरी है। बिना जांच के अत्यधिक मेहनत करना कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है।
राजवीर की मौत के बाद उसके गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि वह परिवार का सहारा था और उसकी मेहनत ने पूरे परिवार को उम्मीद दी थी कि जल्द ही घर में एक फौजी होगा। अब उसके जाने से सबकी आंखों में आंसू हैं और मन में एक ही सवाल—“इतने होनहार और स्वस्थ युवक के साथ ऐसा कैसे हो गया?”
गांव में रविवार को राजवीर का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया गया। सैकड़ों लोग शामिल हुए और हर किसी की आंखें नम थीं। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि युवा जब देश सेवा के लिए तैयारी करते हैं, तो उन्हें सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता और नियमित जांच की भी जरूरत होती है। राजवीर की कहानी न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि सपनों की राह में स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ करना कितना खतरनाक हो सकता है।
राजवीर अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी देशभक्ति और समर्पण भावना हमेशा याद की जाएगी। उसके अधूरे सपने ने पूरे गांव को यह सिखाया कि देश सेवा की भावना कितनी पवित्र होती है — और इसके लिए युवा किस हद तक समर्पित रहते हैं।