




असमिया गायक और सांस्कृतिक प्रतीक जुबिन गर्ग की मौत से जुड़े मामले में बड़ा विकास हुआ है। जुबिन गर्ग के बैंड के दो सदस्यों — शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महांता — को शुक्रवार को पुलिस हिरासत की 14 दिन की अवधि पूरी होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह आदेश कामरूप मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दिया। अदालत में पेश किए जाने के बाद दोनों आरोपियों को अलग-अलग पुलिस वैन में ले जाया गया।
जुबिन गर्ग की मौत सिंगापुर में हुई थी, जहां वे एक जलपार्टी के दौरान डूब गए थे। मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए असम पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया था, जो मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महांता पर आरोप है कि वे घटना से जुड़े हैं, और पुलिस ने उन्हें जांच के लिए गिरफ्तार किया था। पुलिस हिरासत के दौरान दोनों से पूछताछ की गई और जांच की गई। अब पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, जिससे जांच को और विस्तार से चलाने में मदद मिलेगी।
न्यायिक हिरासत में भेजने का मतलब है कि आरोपियों को अदालत के आदेश पर जेल में रखा जाएगा, जिससे वे जांच के दौरान प्रभावी ढंग से हिरासत में रहें और जांच पूरी हो सके। अदालत का यह कदम जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
जुबिन गर्ग की मौत ने स्थानीय जनता और उनके प्रशंसकों के बीच भारी संवेदना और आक्रोश पैदा कर दिया है। आरोपियों की न्यायिक हिरासत में भेजाई के दौरान जेल के बाहर भारी भीड़ जमा हुई और प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। पुलिस ने इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
SIT इस मामले की तह तक जाकर सच सामने लाने के लिए पूरी मेहनत कर रही है। पुलिस के पास आरोपियों से पूछताछ और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जुबिन गर्ग की मौत के कारणों को स्पष्ट करने का मौका होगा।
असम के लोग इस मामले के निष्पक्ष और शीघ्र निपटारे की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि जुबिन गर्ग केवल एक गायक नहीं, बल्कि असम की सांस्कृतिक पहचान थे। उनके प्रशंसकों को न्याय मिलना आवश्यक है ताकि इस दुखद घटना का सही समाधान हो सके।
19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में आयोजित जलपार्टी के दौरान जुबिन गर्ग डूब गए थे। इस घटना के बाद से ही मौत की सच्चाई को लेकर कई सवाल उठे थे। उनके निधन ने पूरे असम में शोक की लहर दौड़ा दी थी।
मामले की जांच शुरू होते ही पुलिस ने विभिन्न बैंड सदस्यों और आयोजकों को हिरासत में लिया था।
जुबिन गर्ग मौत मामले में दो आरोपियों की न्यायिक हिरासत में भेजाई से जांच प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अदालत की निगरानी में चल रही जांच से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को न्याय मिलेगा।