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बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है जो करोड़ों खाताधारकों के लिए राहत लेकर आएगा। 1 नवंबर 2025 से बैंक खातों और लॉकर से जुड़े नॉमिनी नियमों (Nominee Rules) में अहम परिवर्तन लागू हो जाएंगे। अब तक बैंक खाते में सिर्फ एक नॉमिनी जोड़ने की अनुमति थी, लेकिन नए नियम के तहत ग्राहक चार नॉमिनी तक अपने खाते से जोड़ सकेंगे।
यह बदलाव Banking Laws (Amendment) Act, 2025 के तहत लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य खाताधारकों की संपत्ति के उत्तराधिकार से जुड़े विवादों को खत्म करना और बैंकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। कई बार ऐसा होता था कि खाताधारक की मृत्यु के बाद परिवार के सदस्य आपस में बैंक खाते या लॉकर की रकम को लेकर विवाद करते थे। अब नए नियमों के बाद ऐसी स्थितियों में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी।
नए प्रावधानों के अनुसार, खाताधारक अपने बैंक खाते में चार व्यक्तियों को नॉमिनी के रूप में जोड़ सकेंगे। इन चारों में से किसी को भी समान या अलग-अलग प्रतिशत हिस्सेदारी दी जा सकती है। उदाहरण के तौर पर, कोई ग्राहक यह तय कर सकता है कि उसके चारों नॉमिनी को 25-25 प्रतिशत हिस्सेदारी मिले, या किसी एक को 50 प्रतिशत और बाकी तीन को समान हिस्सेदारी मिले। इस बदलाव से संपत्ति के वितरण में स्पष्टता आएगी और पारिवारिक विवाद की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी।
बैंक खाते के अलावा, लॉकर और सुरक्षित रखवाली (safe custody) से जुड़े मामलों में भी बदलाव किया गया है। खाताधारक अब लॉकर में रखी संपत्तियों के लिए नॉमिनी नियुक्त कर सकते हैं, हालांकि इसमें सक्सेसिव (क्रमवार) नामांकन ही संभव होगा। इसका अर्थ है कि यदि पहला नॉमिनी उपलब्ध नहीं है या उसका निधन हो गया है, तो अगला नॉमिनी उस संपत्ति का हकदार बनेगा।
नए नियम के तहत नॉमिनी जोड़ने की दो प्रमुख प्रणालियाँ बनाई गई हैं —
पहली, सिमल्टेनियस (Simultaneous Nomination), जिसमें सभी नॉमिनी एक साथ समान या विभाजित हिस्सेदारी में उत्तराधिकारी होंगे।
दूसरी, सक्सेसिव (Successive Nomination), जिसमें खाताधारक एक क्रम तय कर सकता है — यदि पहला नॉमिनी जीवित नहीं है, तो दूसरे को अधिकार मिल जाएगा, और इसी तरह आगे बढ़ेगा।
इस बदलाव से बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और बैंकों के लिए भी नॉमिनी क्लेम की प्रक्रिया आसान होगी। अक्सर यह देखा जाता था कि नॉमिनी से जुड़ी अस्पष्टता या अधूरी जानकारी के कारण दावे के निस्तारण में काफी समय लगता था। अब बैंक ग्राहकों को नॉमिनी जानकारी अपडेट करने और प्रमाणित करने के लिए एक ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रक्रिया दोनों का विकल्प देगा।
नए नियमों के फायदे
इस सुधार से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद नहीं होगा। जब पहले से ही यह दर्ज रहेगा कि कौन-सा व्यक्ति कितने प्रतिशत का हकदार है, तो बैंकों को भुगतान करने में कोई अड़चन नहीं होगी। इसके अलावा, जिन लोगों के परिवार बड़े हैं या जिनकी संपत्ति कई हिस्सों में बांटी जानी है, उनके लिए यह नियम बेहद उपयोगी साबित होगा।
इसके साथ ही, यदि कोई ग्राहक भविष्य में अपने नॉमिनी बदलना चाहता है, तो वह आसानी से ऐसा कर सकेगा। बैंकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी खाताधारक अपने पुराने नॉमिनी विवरण की समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर उसे अपडेट करें।
वित्त मंत्रालय और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का कहना है कि यह कदम देश में वित्तीय साक्षरता को मजबूत करेगा और बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा। सरकार चाहती है कि लोगों की जमा राशि बिना किसी विवाद के उनके सही उत्तराधिकारियों तक पहुंचे।
इस बदलाव से उन मामलों में भी राहत मिलेगी जहां खाताधारक की मृत्यु के बाद बैंक में जमा रकम या लॉकर की संपत्ति बिना क्लेम के वर्षों तक पड़ी रहती थी। अब चार नॉमिनी जोड़ने की सुविधा मिलने से ऐसी रकम “अनक्लेम्ड डिपॉजिट” की श्रेणी में जाने की संभावना काफी घट जाएगी।
1 नवंबर 2025 से लागू होने वाला नया बैंक नॉमिनी नियम खाताधारकों के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे बैंकिंग क्षेत्र में न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि परिवारों में संपत्ति को लेकर होने वाले विवादों का भी अंत होगा। ग्राहकों को अब सलाह दी जा रही है कि वे समय रहते अपने बैंक खातों और लॉकर के नॉमिनी विवरण को अपडेट कर लें ताकि भविष्य में उनके परिवार को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।





