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अयोध्या, 25 अक्टूबर। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में अब सर्दियों के आगमन के साथ ही दर्शन और आरती के समय में बदलाव किया गया है। अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को अब मंदिर जाने से पहले नए समय की जानकारी रखना आवश्यक होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भक्तों की सुविधा और मौसम के अनुसार मंदिर के समय में परिवर्तन की घोषणा की है।
नए समय के अनुसार, अब श्रद्धालु सुबह 7 बजे से रात 9:15 बजे तक श्रीरामलला के दर्शन कर सकेंगे। वहीं, मंदिर प्रशासन ने आरती के समय में भी बदलाव किया है। मंगला आरती सुबह 4:30 बजे, श्रृंगार आरती सुबह 6:30 बजे, और शयन आरती रात 9:30 बजे संपन्न होगी। दोपहर में मंदिर 12 बजे से 1 बजे तक भोग के लिए बंद रहेगा। इस दौरान भक्तों को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि सर्दियों में सूर्योदय देर से होने और शाम जल्दी ढलने के कारण दर्शन का समय बदला गया है ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई असुविधा न हो। गर्मियों की तुलना में अब सुबह का समय थोड़ा आगे बढ़ा दिया गया है, वहीं रात के दर्शन की अवधि को संतुलित रखा गया है ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन का लाभ उठा सकें।
अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु रोजाना आते हैं। खासतौर पर दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, राम नवमी और अन्य विशेष अवसरों पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में मंदिर के समय में यह मौसमी बदलाव भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखकर किया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि सर्दी के मौसम में सुबह की आरती और दर्शन का समय मौसम के अनुसार तय किया गया है, ताकि भक्तों को ठंड के दौरान इंतजार न करना पड़े। साथ ही रात की आरती का समय इस तरह रखा गया है कि दूर-दराज़ से आने वाले श्रद्धालु भी आराम से दर्शन कर सकें और शयन आरती में शामिल हो सकें।
ट्रस्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि दर्शन के समय के दौरान भक्तों को सभी सुरक्षा और अनुशासन का पालन करना होगा। भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर के प्रवेश द्वारों पर विशेष व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने कहा कि सर्दियों के दौरान मंदिर परिसर में गर्म पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और विश्राम स्थल जैसी सुविधाओं को भी और बेहतर बनाया जा रहा है।
रामलला के दर्शन की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। जनवरी 2024 में मंदिर के उद्घाटन के बाद से अब तक करोड़ों भक्त अयोध्या पहुंच चुके हैं। आने वाले महीनों में श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि की उम्मीद की जा रही है, खासकर नवंबर से फरवरी के बीच, जब सर्दियों में धार्मिक पर्यटन अपने चरम पर रहता है।
मंदिर के पुजारियों का कहना है कि रामलला की आरती के दौरान वातावरण अत्यंत पवित्र और भावनात्मक हो जाता है। सुबह की मंगला आरती में भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जबकि रात की शयन आरती में भक्त भगवान के दिव्य स्वरूप का दर्शन कर अपने दिन का समापन करते हैं।
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे नए समय के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं और दर्शन से पहले ऑनलाइन बुकिंग एवं ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
अयोध्या में अब हर दिन का आरंभ और समापन भगवान श्रीरामलला की आरती से होता है। भक्ति और श्रद्धा के इस केंद्र में सर्दियों का यह नया समय भक्तों के लिए बेहतर अनुभव लेकर आया है, ताकि वे अधिक सुविधा और आत्मिक संतोष के साथ अपने आराध्य के दर्शन कर सकें।
रामलला के दरबार में भक्ति की लौ पहले से अधिक प्रज्वलित हो उठी है—और सर्द सुबह की पहली आरती से लेकर रात की अंतिम आरती तक, अयोध्या एक बार फिर राममय हो उठी है।








